कोयला संकट से बड़ी परेशानी में बिहार, पांच गुना अधिक कीमत पर भी नहीं मिल पा रही पूरी बिजली

दस दिन पहले तक बिहार चार रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली की खरीद कर रहा था। यह दर अब बढ़कर 20 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गई है फिर भी आपूर्ति पूरी नहीं हो रही। बाजार से न्यूनतम चार सौ मेगावाट बिजली बिहार को खरीदनी है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 10:14 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 10:14 PM (IST)
कोयला संकट से बड़ी परेशानी में बिहार, पांच गुना अधिक कीमत पर भी नहीं मिल पा रही पूरी बिजली
बिजली उत्पादन में आई कमी ने बिहार को एक बड़ी परेशानी में डाल दिया है। सांकेतिक तस्वीर।

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना : कोयला संकट के कारण बिजली उत्पादन में आई कमी ने बिहार को एक बड़ी परेशानी में डाल दिया है। दस दिन पहले तक बिहार चार रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली की खरीद कर रहा था। यह दर अब बढ़कर 20 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गई है, फिर भी आपूर्ति पूरी नहीं हो रही। बाजार से न्यूनतम चार सौ मेगावाट बिजली बिहार को खरीदनी है। ऐसे में बिजली कंपनी को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा। एनटीपीसी से भी अभी तीन से साढ़े तीन हजार मेगावाट बिजली ही मिल रही, जबकि बिहार की वर्तमान खपत प्रतिदिन 56 सौ मेगावाट तक है।

हर 15 मिनट पर बदल जा रही बिजली की दर

अभी त्योहारी सीजन में बिजली की मांग और बढ़ने की संभावना है। बिजली कंपनी के अधिकारी ने बताया कि सामान्य दिनों में बिहार न्यूनतम चार सौ मेगावाट बिजली की बाजार से खरीद करता है। चार रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलने वाली बिजली के लिए अभी 20 रुपये चुकाने पड़ रहे। बाजार में उपलब्ध बिजली की दर हर 15 मिनट पर बदल जा रही। 

बिजली व पवन ऊर्जा की आपूर्ति भी कम

बिहार में बिजली कंपनी आंध्र प्रदेश से छह सौ से आठ सौ मेगावाट बिजली खरीदती थी। मौसम के कारण वहां से अभी तीन सौ मेगावाट से अधिक की आपूर्ति नहीं है। इसी तरह भूटान से मिलने वाली छह सौ मेगावाट पनबिजली की मात्रा भी घटकर अभी आधी हो गई है। 

पांच दिनों के लिए कोयले का भंडार

बिजली संकट का अंदाजा इस आंकड़े से लगाया जा सकता है। बाजार में वर्तमान में मांग दस हजार मेगावाट की है और उपलब्धता मात्र ढाई हजार से तीन हजार मेगावाट तक की है। ऐसे में राज्यों के बीच बिजली क्रय को लेकर अफरा-तफरी की स्थिति है। बढ़ी कीमत पर भी जरूरत के हिसाब से नहीं मिल रही बिजली। उत्पादक कंपनियों का दावा है कि अगले पांच दिनों तक के लिए उनके पास कोयले का भंडार है। उसके बाद? जवाब में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही। 

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