Bihar: स्वास्थ्य मंत्री बोले- अगस्त, सितंबर में ज्यादा आते हैं डेंगू के मामले, सरकार ने की यह व्यवस्था
डेंगू से निपटने को नौ अस्पताल नोडल केंद्र बनाए गए। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बोले डेंगू से निपटने को स्वास्थ्य विभाग तैयार। डेंगू के खतरों और प्रबंधन को ले किया जा रहा है जागरूक। मेडिकेटेड मच्छरदानी का किया जा रहा है वितरण
पटना, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बीच डेंगू (Dengue) की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने की तैयारी में जुट गया है। डेंगू के मरीजों का सही समय पर और इलाज की बेहतर सुविधा देने के लिए नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (National Vector Born Diseases Control Program) के तहत केंद्र सरकार ने बिहार के नौ मेडिकल कालेज अस्पतालों को नोडल केंद्र घोषित किया है। वहां सारी व्यवस्था की गई है।
इन अस्पतालों को बनाया गया है नोडल केंद्र
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिन अस्पतालों को नोडल केंद्र बनाया गया है उनमें पटना स्थित पीएमसीएच, एनएमसीएच व एम्स के अलावा आइजीआइएमएस, मुजफ्फरपुर का श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल, गया में अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कालेज अस्पताल, दरभंगा का दरभंगा मेडिकल कालेज और भागलपुर का जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज है।
अगस्त और सितंबर महीने में आते हैं ज्यादातर मामले
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Minister of Health Department Mangal Pandey) ने सोमवार को बताया कि डेंगू रोकथाम को लेकर प्रदेश में मुकम्मल तैयारी की गई है। डेंगू के ज्यादातर मामले अगस्त-सितंबर के महीने में आते हैं। जिसे देखते हुए सरकार अलर्ट मोड में है। विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों के बीच डेंगू के खतरे और प्रबंधन को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है।
सवा लाख से अधिक मेडिकेटेड मच्छरदानी बंटी
उन्होंने बताया कि मच्छरों से होने वाले डेंगू से बचाव के लिए अधिक से अधिक मेडिकेटेड मच्छरदानी का वितरण किया गया है। इस वर्ष 1.32 लाख मच्छरदानी वितरित की गई है। बीते वर्ष भी 2.23 लाख मच्छरदानी बांटी गई थी। मंत्री ने कहा कि बेहतर इलाज मुहैया कराने के निर्देश जिला और अस्पतालों को दिया जा चुका है। उन्होंने कहा, हमारी कोशिश होगी कि अधिक से अधिक डेंगू के टेस्ट हों, ताकि समय पर लोगों को इलाज मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार इसको लेकर काफी गंभीर है।