बिहार के चार मेडिकल कॉलेजों में खुलेगा थैलेसीमिया डे केयर सेंटर, मुजफ्फरपुर से जल्‍द होगी शुरुआत

Thalassemia treatment in Bihar थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों को हर वर्ष 12 से 15 यूनिट खून की जरूरत होती है। उन्हें रक्त प्राप्त करने में परेशानी नहीं हो इसलिए स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। मौके पर नियमित रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए दो पोस्टर लांच किए गए।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 04:17 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 04:17 PM (IST)
बिहार के चार मेडिकल कॉलेजों में खुलेगा थैलेसीमिया डे केयर सेंटर, मुजफ्फरपुर से जल्‍द होगी शुरुआत
बिहार के कई जिलों में खुलेंगे थैलेसिमिया डे केयर सेंटर।

पटना, जागरण संवाददाता। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में अगले माह तक थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों के समेकित उपचार के लिए डे केयर सेंटर शुरू हो जाएगा। पीएमसीएच के बाद यह प्रदेश का दूसरा डे केयर सेंटर होगा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग भागलपुर, पूर्णिया और गया के मेडिकल कॉलेजों में भी थैलेसीमिया डे केयर सेंटर स्थापित करेगा। प्रथमा ब्लड बैंक इन केंद्रों को मुफ्त खून मुहैया कराएगा। वर्षगांठ पर आयोजित रक्तदान शिविर में 50 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। यह खून पीएमसीएच ब्लड बैंक को थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों के लिए सौंप दिया गया है।

पीएमसीएच में डे केयर सेंटर के एक साल पूरे

राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सोमवार को पीएमसीएच में स्थापित प्रदेश के पहले डे केयर सेंटर की पहली वर्षगांठ को संबोधित करते हुए ये जानकारी दी थी। बताते चलें कि इस इंटीग्रेटेड सेंटर फार हेमोग्लोबिनोपैथी एंड हीमोफीलिया थैलेसीमिया डे केयर सेंटर का उद्घाटन भी 14 जून 2020 को मनोज कुमार ने ही किया था। इस सेंटर का मुख्य उद्देश्य थैलेसीमिया, हीमोफीलिया और सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित बच्चों को बेहतर इलाज, देखभाल व परामर्श देना है।

पीडि़त को हर साल पड़़ती है 15 यूनिट खून की जरूरत

कार्यपालक निदेशक ने कहा कि थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों को हर वर्ष 12 से 15 यूनिट खून की जरूरत होती है। उन्हें रक्त प्राप्त करने में परेशानी नहीं हो इसलिए स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। मौके पर नियमित रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए दो पोस्टर लांच किए गए। इसके अलावा प्रथमा ब्लड बैंक की मोबाइल वैन स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन करेगी।

उपहार देकर रोग से लडऩे  को किया जाएगा प्रोत्साहित

प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर केक काटने के साथ पीडि़त बच्चों को उपहार देकर उनको इस रोग से लडऩे के लिए प्रोत्साहित किया गया। पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी, अधीक्षक डॉ. आइएस ठाकुर और शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एके जायसवाल ने बताया कि यहां 330 बच्चे पंजीकृत हैं और 1640 बार उन्हें खून चढ़ाया गया है। 467 बच्चों की आयरल चेल्टन थेरेपी और हीमोफीलिया पीडि़त 538 बच्चों को फैक्टर चढ़ाया जा चुका है।

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