पीएम आवास योजना में पिछली बार वाली गलती नहीं दोहराएगी बिहार सरकार, दो उपायों से भूमिहीन भी बनाएंगे मकान

मंत्री राम सूरत कुमार ने कहा कि विभाग की ओर से अभियान बसेरा चलाया जा रहा है। इसमें गांवों में सरकारी जमीन की खोज हो रही है। गैर-मजरूआ आम और खास के अलावा भूदान और हदबंदी से फाजिल जमीन का पता लगाया जा रहा है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 05:46 PM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 05:46 PM (IST)
पीएम आवास योजना में पिछली बार वाली गलती नहीं दोहराएगी बिहार सरकार, दो उपायों से भूमिहीन भी बनाएंगे मकान
बिहार में गरीबों को घर बनाने के लिए सरकार देगी जमीन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। आवंटन मिलने के बावजूद जमीन की कमी के चलते आवास से वंचित गरीबों को जल्द ही राहत मिलेगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग उन्हें सरकारी जमीन दिलाएगा। विभाग पहले से इस कोशिश में जुटा था। साल भर से जारी कोरोना संकट की वजह से काम आगे नहीं बढ़ सका। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार ने शनिवार को कहा-लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वे अभियान बसेरा पर ध्यान देंगे। मालूम हो कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास योजनाओं के कार्यान्वयन में जमीन बड़ी बाधा बन कर खड़ी है। पिछले वित्तीय वर्ष तक 35 हजार से अधिक आवास जमीन के अभाव में नहीं बन पाए थे।

चालू वित्त वर्ष में अकेले प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में साढ़े 11 लाख नए आवास आवंटित किए गए हैं। गरीबों को जब ये आवास आवंटित किए जाएंगे, भूमिहीन पात्रों की संख्या और बढ़ जाएगी। सरकार इन्हें दो स्तर पर मदद कर रही है। बाजार दर से पांच डिसमिल जमीन खरीदने के लिए प्रति परिवार 60 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। उपलब्ध सरकारी जमीन का मुफ्त वितरण कर रही है।

पर्चा के साथ दखल भी

मंत्री राम सूरत कुमार ने कहा कि विभाग की ओर से अभियान बसेरा चलाया जा रहा है। इसमें गांवों में सरकारी जमीन की खोज हो रही है। गैर-मजरूआ आम और खास के अलावा भूदान और हदबंदी से फाजिल जमीन का पता लगाया जा रहा है। उपलब्ध जमीन का न सिर्फ पर्चा दिया जा रहा है, बल्कि पर्चाधारी के जमीन पर दखल की गारंटी की जा रही है। अभियान बसेरा के साथ अभियान दखल दिहानी को जोड़ दिया गया है। उम्मीद है कि बड़ी संख्या में भूमिहीनों को जल्द ही पांच डिसमिल जमीन मिल जाएगी।

हमारी प्राथमिकता सूची में है यह मामला: रामसूरत कर्मियों की कमी के कारण बाधित हुआ था अभियान राजस्व विभाग में नियुक्ति की प्रक्रिया भी बढ़ेगी

क्यों हो रही देरी

यह अभियान छह साल से चल रहा है। लेकिन, लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया है। मंत्री का कहना है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में कर्मचारियों की बेहद कमी है। हाल में चली नियुक्ति प्रक्रियाओं के जरिए विभाग को जरूरत के मुताबिक अधिकारी और कर्मचारी मिल रहे हैं। कोरोना का संकट नहीं आता तो राजस्व अधिकारी, कर्मचारी और अमीन की कमी दूर हो गई होती है। कोरोना संकट समाप्त हो तो विभागीय काम तेज गति से चलने लगेगा।

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