बिहार सरकार ने बैंकों को दी नजरिया बदलने की नसीहत, उद्योगों के लिए कर्ज देने में दिखाएं तत्‍परता

Bihar Bankers Meeting उप मुख्‍यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा- अगली बैठक में बैंक बताएं ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी नई शाखाएं खुलीं बैंकर्स समिति की बैठक में बोले तारकिशोर उद्योग कृषि क्षेत्र को बढ़ाने में सहयोग करें बैंक

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 09:14 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 09:14 AM (IST)
बिहार सरकार ने बैंकों को दी नजरिया बदलने की नसीहत, उद्योगों के लिए कर्ज देने में दिखाएं तत्‍परता
बिहार में बैंक के अधिकारियों के साथ मंत्रियों ने की बैठक। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद (Bihar Deputy CM Tar Kishore Prasad) ने बैंकों से आग्रह किया है कि वह राज्य में साख जमा अनुपात का घोषित लक्ष्य हासिल करे। उन्होंने कोरोना संकट के बावजूद कर्ज देने की रफ्तार पर संतोष जाहिर किया। वे गुरुवार को राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में सरकार भवन बनाए जा रहे हैं। कई पंचायतों में यह बनकर तैयार है। बैंक इन भवनों में अपनी शाखा खोल कर बैंकिंग की सुविधा सुलभ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगली तिमाही बैठक में सभी बैंक बताएंगे कि ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी नई शाखाएं खुली हैं।

लाकडाउन की बजाय पिछले साल से अधिक दिया कर्ज

उप मुख्‍यमंत्री ने कहा कि वेंडर अथवा रेहड़ी-पटरी के व्यवसाय से जुड़े छोटे व्यापारियों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की शुरुआत की गई है। सभी बैंक जरूरतमंदों को इस योजना का लाभ दें। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में राज्य के बैंकों को 1.615 लाख करोड़ का वार्षिक साख योजना का लक्ष्य दिया गया था। इसके विरुद्ध पहली तिमाही में लगभग 29,866 करोड़ रुपए कर्ज के तौर पर दिए गए। यह लक्ष्य का 18.5 फीसद है। इस अवधि में अधिकांश समय लाकडाउन रहने के बावजूद बैंकों ने पिछले जून 2020 तिमाही में 23545 करोड़ रुपये की तुलना में 6321 करोड़ ज्यादा कर्ज वितरित किया है।

साख-जमा अनुपात को ठीक करने का निर्देश

बताया गया कि राष्ट्रीय साख-जमा अनुपात 75 फीसद के करीब है। राज्य का साख-जमा अनुपात इस तिमाही में 45.68 फीसद रहा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में  जरूरतमंदों जल्द कर्ज देने की भी सलाह दी। उप मुख्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में 2005 से ही प्रयासरत है। कृषि, उद्योग एवं रोजगार के सृजन में बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह सब बैंक के सहयोग से ही संभव है।  बैठक में विभिन्न योजनाओं में आवेदन की स्थिति की निगरानी के लिए वित्त विभाग एवं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की ओर से एक पोर्टल की लांचिंग की गई।

बैंक अपना नजरिया बदले: शाहनवाज

उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बैंक योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य की जनता के हितों को ध्यान में रखकर अपना नजरिया बदले। बिहार में इथेनॉल प्रोजेक्ट के तहत कई बड़ी परियोजनाओं पर काम हो रहा है। रिकार्ड समय में इन परियोजनाओं को मंजूरी मिल रही है। कुछ परियोजनाओं को 24 घंटे के अंदर मंजूरी दी गई। जरूरत इस बात की है कि बैंक भी समय सीमा के भीतर कर्ज दें।

खाते को आधार से जोड़ें : श्रवण

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बैंकों को खाताधारियों के बैंक खाते को आधार से जोडऩे के काम में तेजी लाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों के घर बेहतर तरीके से बन सकें, इसके लिए बैंकों को आवश्यकता आधारित कर्ज भी मुहैया कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि  बिहार में स्वयं सहायता समूहों के अंतर्गत कर्ज अदायगी की उपलब्धि अच्छी है।  

बैठक में ये सब भी शामिल हुए   

बैठक में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष मोहम्मद यूनुस हुसैन हाकिम, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्र, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ, वित्त विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, कृषि विभाग के सचिव एन श्रवणन, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बाला मुरुगन डी, निबंधन महानिरीक्षक बी कार्तिकेय, भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक सुरेंद्र राणा, रिजर्व बैंक के अपर निदेशक संजीव दयाल, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डा. सुनील कुमार सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।

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