बिहारः रिटायरमेंट की फिक्र छोड़िए, 70 की उम्र तक कीजिए नौकरी-जानें क्या है सरकार का प्लान

Bihar Government Job Alert बिहार में 60 या 65 साल तक नौकरी कर सेवानिवृत्त (रिटायर) हुए लोगों के लिए ये खबर है। इनमें से कुछ लोगों को 65 और 70 साल की उम्र तक नौकरी मिलेगी। उनकी बहाली संविदा पर होगी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 09:14 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 09:14 PM (IST)
बिहारः रिटायरमेंट की फिक्र छोड़िए, 70 की उम्र तक कीजिए नौकरी-जानें क्या है सरकार का प्लान
बिहार में नौकरी को लेकर महत्वपूर्ण खबर है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: इस खबर से सरकारी सेवकों को बड़ी चिंता हुई थी कि 50 की उम्र पार करने के बाद उनके काम की समीक्षा होगी। कामकाज, दिमाग और शरीर से फिट नहीं पाए गए तो नौकरी चली जाएगी। अब दूसरी जानकारी यह कि 60 या 65 साल तक नौकरी कर सेवानिवृत्त (रिटायर) हुए लोगों के लिए है। इनमें से कुछ लोगों को 65 और 70 साल की उम्र तक नौकरी मिलेगी। उनकी बहाली संविदा पर होगी।

सेवानिवृत्त हुए सेवकों को यह अवसर श्रम संसाधन विभाग दे रहा है। विभाग को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) के लिए उप प्राचार्य की जरूरत है। राज्य में इन संस्थानों की संख्या 149 है। उप प्राचार्य पद के वेतनमान में 166 पद स्वीकृत हैं। इस स्वीकृत संख्या के विरुद्ध सिर्फ 46 उप प्राचार्य कार्यरत हैं। उप प्राचार्य के इन्हीं रिक्त पदों को भरने के लिए संविदा पर बहाली होने वाली है। मार्च में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इन पदों को संविदा के आधार पर भरने की इजाजत दे दी गई है। संंविदा पर नियुक्ति के बाकी नियम सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से समय-समय पर जारी अधिसूचनाओं के अनुकूल हैं।

प्रारूप हुआ तैयार

कैबिनेट की मंजूरी के बाद विभाग ने संविदा पर बहाली के लिए प्रारूप तय किया है। इसके लिए आइआइटी के अलावा इंजीनियङ्क्षरग कॉलेजों और पॉलीटेक्निक की सेवाओं से समकक्ष पदों से सेवानिवृत्त होने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। उम्मीदवारों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 65 वर्ष रखी गई है। उन्हें दो साल के लिए नौकरी मिलेगी। हालांकि कोई उम्मीदवार, जिनके सेवानिवृत्त होने की अधिकतम उम्र सीमा 65 वर्ष है, वे 70 वर्ष की उम्र तक संविदा की इस नौकरी में बने रह सकते हैं।

यह नौबत क्यों आई

नए के बदले सेवानिवृत्त लोगों को संविदा पर बहाल करने के बारे में श्रम संसाधन विभाग का अपना तर्क है। उप प्राचार्य के पदों पर बहाली की प्रक्रिया वर्ष 2015 से चल रही है। बिहार लोक सेवा आयोग के पास इन पदों को भरने के लिए उसी साल अधियाचना भेजी गई थी। इसी बीच तय किया गया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर बिहार औद्योगिक सेवा का पुनर्गठन किया जाए। इस निर्णय के बाद आयोग को कहा गया कि वह फिलहाल बहाली रोके। बहाली तभी से रुकी हुई है। आयोग से नियमित बहाली होने के बाद संविदा वाले उप प्राचार्यों की विदाई हो जाएगी, लेकिन इसमें भी साल-दो साल का समय लगेगा। मतलब, 65 पार के सेवानिवृत्त सेवक नियमित बहाली होने तक पद पर बने रहेंगे।

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