अपना घर बनवा रहे हैं या सरकारी भवन, अब मानना ही होगा ये नियम; बिहार सरकार ने जारी की गाइडलाइन
Bihar Government Guideline यह फैसला निजी और सरकारी दोनों तरह के निर्माण पर लागू होगा। भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने चंद रोज पहले भवन के निर्माण से अभियंताओं के साथ निर्माण की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई थी।
पटना, राज्य ब्यूरो। निजी के साथ ही सरकारी क्षेत्र की इमारतों के निर्माण में पर्यावरण नियमों की घोर अनदेखी हो रही है। भवन निर्माण विभाग ने माना है कि भवनों के निर्माण के दौरान ना तो निर्माण सामग्री को ढका जाता है ना ही निर्माणाधीन इमारत को ही। नतीजा इसका सर्वाधिक बुरा असर पर्यावरण पर पड़ रहा है और प्रदूषण स्तर बढ़ता जा रहा है। ऐसी समस्या, पटना, गया के साथ मुजफ्फरपुर में ज्यादा हैं। बढ़ती समस्या को देखते हुए विभाग ने अब निर्माण एजेंसियों के लिए नए सिरे से गाइड लाइन जारी की है।
भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने चंद रोज पहले भवन के निर्माण से अभियंताओं के साथ निर्माण की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई थी। जिसमें यह बात सामने आई कि भवनों के निर्माण में नियमों की अनदेखी हो रही है। जिसका सीधा असर जिलों की वायु गुणवत्ता पर पड़ रहा है। समस्या को देखते हुए भवन निर्माण के सचिव ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए नई गाइड लाइन जारी करने के सुझाव दिए। जिसके बाद नई गाइड लाइन जारी कर दी गई है। भवनों के निर्माण में पर्यावरण नियमों की अनदेखी, नई गाइड लाइन जारी भवन निर्माण के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया फैसला
अब निर्माण एजेंसियां को इन नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। अन्यथा दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी। निर्माण कंपनियों-एजेंसियों के लिए जहां भी निर्माण परियोजनाएं चल रही हैं उन्हें अपने निर्माण को ढकना होगा। निर्माण के दौरान किसी प्रकार का वायु प्रदूषण ना हो इसके लिए एजेंसियों-कंपनियों को सभी आवश्यक उपाय करने को भी कहा गया है। जो भी निर्माण सामग्री है उसे ढंकना होगा। निर्माण साम्रगी का परिवहन भी ढंक कर करना होगा। विभाग ने साफ कर दिया विभाग के अधिकारी रैंडम तरीके से निर्माण कार्यों की फोटोाग्राफी कराएंगे। जांच के दौरान यदि नियमों की अनदेखी पाई गई तो दंडात्मक कार्रवाई भी होगी।