इथेनॉल बनाने वाली गन्ना मिलों से अब निकलेगी ऑक्सीजन, बिहार सरकार तैयार कर रही है प्रस्ताव
चीनी मिलें कुछ निवेश करने के बाद मोलेसिस से इथेनॉल बनाने के क्रम में ऑक्सीजन तैयार कर रही हैं। सरकार के स्तर पर उन्हें मेडिकल ऑक्सीजन बनाने का अनुरोध किया गया था। बिहार में ऑक्सीजन संकट दूर करने के लिए सरकार कई स्तर पर प्रयास कर रही है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Oxygen Plant: वैसी गन्ना मिलें जो मोलेसिस से इथेनॉल तैयार कर रही हैं, उन्हें सरकार ऑक्सीजन तैयार करने का प्रस्ताव देने की तैयारी है। देश में इस तरह की तकनीक उपलब्ध है जिसमें मोलेसिस से इथेनॉल तैयार कर रही कंपनी मेडिकल ऑक्सीजन का भी उत्पादन कर सकती है। उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में इस तकनीक पर काम शुरू हुआ है कि इथेनॉल बना रही चीनी मिलें कुछ निवेश करने के बाद मोलेसिस से इथेनॉल बनाने के क्रम में ऑक्सीजन तैयार कर रही हैं। सरकार के स्तर पर उन्हें मेडिकल ऑक्सीजन बनाने का अनुरोध किया गया था। बिहार में ऑक्सीजन संकट दूर करने के लिए सरकार कई स्तर पर प्रयास कर रही है।
बिहार में दस कंपनियों द्वारा गन्ना से इथेनॉल बनाया जा रहा
बिहार में दस गन्ना मिलें इस तरह की हैं, जिनके द्वारा मोलेसिस से इथेनॉल तैयार किया जाता है। इन कंपनियों द्वारा अगर न्यूनतम एक करोड़ रुपये भी निवेश किया जाता है तो उनके द्वारा ऑक्सीजन उत्पादन शुरू किया जाना संभव हो सकेगा। ऐसी कंपनियों को इस निवेश पर 20 प्रतिशत सब्सिडी दिए जाने का भी प्रस्ताव है। ऐसी व्यवस्था आरंभ हो जाने से मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता का एक नया स्रोत उपलब्ध हो जाएगा।
इस वर्ष गन्ना का उत्पादन कम रहने से परेशानी
इस ट्रेड से जुड़े उद्यमियों का कहना है कि इस वर्ष इस तकनीक से मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन संभव नहीं लग रहा, क्योंकि गन्ना से इथेनॉल बना रही कंपनियों के समक्ष गन्ना का संकट है। इस वर्ष गन्ना का उत्पादन कम हुआ है। केवल गन्ना से इथेनॉल बनाने वाली कंपनियां ही मेडिकल ऑक्सीजन तैयार कर सकती हैं। दूसरे राज्य से गन्ना मंगाना संभव नहीं, क्योंकि उनकी अपनी जरूरत है। इथेनॉल बना रही यूनिटों को भी ऑक्सीजन बनाने का प्रस्ताव महाराष्ट्र में इथेनॉल तैयार कर रहीं गन्ना मिलों में शुरू हुई है यह तकनीक बिहार का संकट यह है कि गन्ना का उत्पादन इस बार कम हुआ