ईंट-भट्टे से बिहार सरकार को समय पर नहीं मिल रहा टैक्स, अब ऐसे निबटेगा विभाग
राज्य में चलने वाले ईंट-भट्टे सरकार को समय पर टैक्स नहीं दे रहे। बालू के बीच ईंट-भट्टों की वजह से राजस्व संग्रहण को लेकर लग रही चपत से निपटने को अब विभाग ने संबंधित ईंट-भट्टा रोबारियों को डिमांड नोटिस देने की तैयारी में है।
राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य में बालू के अवैध खनन के खिलाफ सरकार का सघन छापामारी अभियान लगातार चल रहा है, लेकिन बालू तस्कर बिना डर भय के अपने साम्राज्य को विस्तार दे रहे हैं। इस बीच खान एवं भू-तत्व विभाग को जिलों से यह जानकारी मिली है कि राज्य में चलने वाले ईंट-भट्टे सरकार को समय पर टैक्स नहीं दे रहे। बालू के बीच ईंट-भट्टों की वजह से राजस्व संग्रहण को लेकर लग रही चपत से निपटने को अब विभाग ने संबंधित ईंट-भट्टा कारोबारियों को डिमांड नोटिस देने की तैयारी में है।
खान एवं भू-तत्व विभाग को जून, 2020 की तुलना में जून, 2021 में डेढ़ दर्जन से अधिक जिलों से कम राजस्व मिला है। ऐसी जानकारी है कि हजार से ज्यादा ईंट-भट्टे सरकार को टैक्स नहीं चुका रहे। अकेले पटना जिले में 54 ईंट-भट्टे ऐसे हैं, जिन्होंने इस वर्ष अब तक टैक्स का एक रुपया भी जमा नहीं किया है। कैमूर में भी 132 में से 15 भट्टों का टैक्स बकाया है।
सूत्रों ने बताया कि टैक्स देने में जिन जिलों के ईंट-भट्टा मालिकों की ओर से सबसे ज्यादा लापरवाही हो रही है वैसे बकायेदारों को अब डिमांड नोटिस दी जाएगी। डिमांड नोटिस मिलने के बाद भ_ा मालिक सरकार को तय मियाद में टैक्स नहीं देंगे तो उनके लाइसेंस भी जब्त हो सकेंगे। बता दें कि ईंट-भट्टों से सरकार को करीब 90 से सौ करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। 2019-20 में विभाग को ईंट-भट्टों से 62 करोड़ और इस वर्ष अब तक करीब 52 करोड़ रुपये का ही राजस्व प्राप्त हुआ है।
टैक्स देने में लापरवाह जिले
मधुबनी, समस्तीपुर, भोजपुर, बेतिया, गोपालगंज, सहरसा, पटना, कैमूर, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर, अरवल, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, शिवहर, पूर्णिया, अररिया, भागलपुर, मधेपुरा, जमुई व कटिहार।