बिहार के 227 संबद्ध डिग्री कालेजों को सरकार का निर्देश, इसी महीने वेबसाइट बनाकर देनी होगी ये जानकारी

Bihar Education News राज्य में संबद्ध डिग्री कालेजों को नये सत्र से अनुदान देने की व्यवस्था आनलाइन होगी। यहां बता दें कि संबद्ध डिग्री कालेजों को उसके छात्र-छात्राओं के स्नातक कक्षाओं के श्रेणीवार रिजल्ट के आधार पर अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 12:54 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 12:54 PM (IST)
बिहार के 227 संबद्ध डिग्री कालेजों को सरकार का निर्देश, इसी महीने वेबसाइट बनाकर देनी होगी ये जानकारी
पीयू के पटना कालेज का भवन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Education News: बिहार के सभी 227 संबद्ध डिग्री कालेजों को अपना वेबसाइट अनिवार्य होगा। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कालेज संचालकों को निर्देश जारी किया है। हर माह कालेज को वेबसाइट पर सूचनाएं अपलोड करना होगा कि किस शिक्षक या शिक्षकेतर कर्मचारी को कितनी राशि दी गयी। शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों को दिये गये निर्देश के मुताबिक 30 दिसंबर तक हर संबद्ध डिग्री कालेज को  अपना-अपना वेबसाइट बनायेंगे। वेतनादि वितरण की स्पष्ट विवरणी उस वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। कालेजों को दी जाने वाली अनुदान राशि में आंतरिक स्रोत से प्राप्त आय का 70 प्रतिशत हिस्सा मिला कर शिक्षक-कर्मियों के वेतन पर व्यय होगा। इसकी घोषणा पत्र कॉलेज को प्राचार्य, सचिव एवं अध्यक्ष के हस्ताक्षर से देने होंगे।

बिहार के हर संबद्ध डिग्री कालेज को बनानी होगी अपनी वेबसाइट 30 दिसंबर तक हर संबद्ध डिग्री कालेज को वेबसाइट बनाना अनिवार्य वेतन आदि वितरण की स्पष्ट विवरणी अपलोड करना जरूरी

नये सत्र से अनुदान देने की आनलाइन व्यवस्था

राज्य में संबद्ध डिग्री कालेजों को नये सत्र से अनुदान देने की व्यवस्था आनलाइन होगी। यहां बता दें कि संबद्ध डिग्री कालेजों को उसके छात्र-छात्राओं के स्नातक कक्षाओं के श्रेणीवार रिजल्ट के आधार पर अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। अब सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान की राशि 'संबद्ध महाविद्यालयों का अनुदानÓ नामक अलग खाते में रखी जाएगी। इस राशि के लिए अलग से रोकड़ बही का संधारण होगा। अनुदान राशि का उपयोग केवल शिक्षक-शिक्षकेतरकर्मियों के वेतन भुगतान के लिए किया जाएगा। अनुदान राशि मिलने के एक माह के अंदर उपयोगिता प्रमाण पत्र देने होंगे।

सरकार का फोकस वित्‍तीय गड़बड़ी रोकने पर

दरअसल, इन कालेजों को दिए जा रहे अनुदान का सही लाभ शिक्षकों और अन्‍य कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा था। ऐसी सूचनाएं थी कि कालेज इस राशि का मनमाना उपयोग करते हैं। प्रबंधन के खास लोगों को अधिक उपकृत किया जाता है। अनुदान की राशि को वेतन पर खर्च करने की बजाय ऐसे कामों में खर्च किया जाता है, जिसमें कमीशनखाेरी और भ्रष्‍टाचार की गुंजाइश अधिक रहती है।

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