पटना के महावीर मंदिर और राजगीर के विश्व शांति स्तूप की सुरक्षा में तैनात होगी विशेष सशस्त्र पुलिस
राजगीर के विश्व शांति स्तूप और पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर की सुरक्षा जल्द ही बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस को दी जा सकती है। राज्य के आधा दर्जन स्मारकों व धार्मिक केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था नवगठित विशेष सशस्त्र पुलिस को देने का प्रस्ताव गृह विभाग को दिया गया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। राजगीर के विश्व शांति स्तूप और पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर की सुरक्षा जल्द ही बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस को दी जा सकती है। राज्य के आधा दर्जन स्मारकों व धार्मिक केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था नवगठित विशेष सशस्त्र पुलिस को देने का प्रस्ताव गृह विभाग को दिया गया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही इस दिशा में अंतिम निर्णय हो सकता है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तर्ज पर इसी साल बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल का गठन किया गया है। इसके पहले यह बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) के नाम से जानी जाती थी।
अभी महाबोधि मंदिर और दरभंगा हवाईअड्डे की कमान
राज्य की आंतरिक सुरक्षा को और सुदृढ़ करने तथा सीआरपीएफ पर निर्भरता कम करने के लिए बिहार सशस्त्र पुलिस बल का गठन किया गया है। फिलहाल बोधगया के विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर और नवनिर्मित दरभंगा हवाई अड्डे की सुरक्षा की कमान इनके हाथों में है। सशस्त्र पुलिस बल के बेहतर कामकाज को देखते हुए अब दूसरे महत्वपूर्ण स्थलों पर भी इनकी तैनाती की तैयारी है। भविष्य में बनने वाले पटना मेट्रो की सुरक्षा भी बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस को दी जा सकती है।
पटना के महावीर मंदिर से होते हैं ढेरों सामाजिक काम
पटना जंक्शन के ठीक सामने स्थित महावीर मंदिर उत्तर भारत के सर्वाधिक धनी मंदिरों में एक है। इस मंदिर को मिलने वाले दान से ढेरों सामाजिक कार्य संपन्न किए जाते हैं। मंदिर ट्रस्ट की ओर से कई अस्पताल भी चलाए जा रहे हैं। आपदा के वक्त भी मंदिर प्रबंधन आम लोगों की मदद करता रहा है। कोरोना के कारण यहां आम लोगों की आवाजाही फिलहाल बंद है। सामान्य दिनों में यहां दर्शन के लिए हर रोज हजारों श्रद्धालु आते हैं।
राजगीर का विश्व शांति स्तूप है पर्यटन का केंद्र
राजगीर स्थित विश्व शांति स्तूप बिहार में आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। राजगीर में यूं तो घूमने और देखने लायक ढेरों चीजें हैं, लेकिन शांति स्तूप का महत्व धार्मिक भी है। यह बिहार की महत्वपूर्ण विरासतों में से एक है।