बिहार की जेलों से 10 हजार कैदी जल्‍द आएंगे बाहर, आपके अपनों को भी मिल सकता है लाभ

अनुमान है कि आठ से दस हजार कैदी इस प्रक्रिया से बाहर आ जाएंगे। सरकार ने जेल अधीक्षकों से उन कैदियों की सूची मांगी है जिन्हें पेरोल अंतरिम जमानत या परिहार के जरिए सजा में कुछ छूट देकर तत्काल बाहर किया जा सकता है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 08:30 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 08:30 AM (IST)
बिहार की जेलों से 10 हजार कैदी जल्‍द आएंगे बाहर, आपके अपनों को भी मिल सकता है लाभ
बिहार की जेलों में बंद 10 हजार कैदियों को बाहर निकालने की तैयारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। कोरोना से बचाव के लिए कैदियों के बीच दो गज की दूरी बनी रहे, इसके लिए सरकार जेलों में भीड़ कम करने की कोशिश में जुट गई है, लेकिन लंबे समय से अदालतों के कामकाज नियमित न चलने के कारण इसमें बाधा आ सकती है। किसी कैदी को परिहार या अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर करने के लिए अदालतों की सहमति जरूरी है। पेरोल का निर्णय राज्य सरकार अपने स्तर से ले सकती है। वैसे, जेल प्रशासन को उम्मीद है कि प्रस्ताव तैयार हो गया तो अदालती औपचारिकताएं भी पूरी हो जाएंगी। इसलिए कि जेलों की भीड़ कम करने की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रही है।

सरकार ने जेल अधीक्षकों से मांगी है सूची

जिला अदालतों में अभी सिर्फ निहायत जरूरी मामलों की सुनवाई हो पाती है। नियमित सुनवाई हो और जमानत मिलने लगे, उससे भी जेलों की भीड़ काफी कम हो जाएगी। फिलहाल, सरकार ने जेल अधीक्षकों से उन कैदियों की सूची मांगी है, जिन्हें पेरोल, अंतरिम जमानत या परिहार के जरिए सजा में कुछ छूट देकर तत्काल बाहर किया जा सकता है।

बिहार की जेलों में क्षमता से 10 हजार अधिक कैदी

इस समय राज्य की 59 जेलों में 54 हजार से अधिक कैदी हैं, जबकि अधिकतम क्षमता 44 हजार है। जेल अधीक्षकों से सूची मिलने के बाद राज्य परिहार परिषद की बैठक में सभी मामलों पर विचार किया जा सकता है। अनुमान है कि आठ से दस हजार कैदी इस प्रक्रिया से बाहर आ जाएंगे। इससे भीड़ कुछ कम होगी। दुष्कर्म, सरकारी सेवकों की हत्या और जेल के भीतर हत्या करने के आरोपित कैदियों को सजा में कोई रियायत नहीं दी जाएगी। बिना सजा पूरी किए इन तीनों श्रेणी के कैदी बाहर नहीं निकल पाएंगे।

बमुश्किल डेढ़-दो फीट की दूरी

इस समय सामान्य जेलों में सोने के दौरान कैदियों के बीच डेढ़ से दो फीट की दूरी रह पाती है। बड़े हॉल में कैदी दो कतार में सोते हैं। एक हॉल में इनकी संख्या 40 तक रहती है। दो कतारों के बीच आने-जाने के लिए करीब तीन फीट जगह खाली रखी जाती है। दिन के समय जब ये बैरक के बाहर रहते हैं, दो गज की दूरी बनाकर रह सकते हैं। बैरक में ये दूरी संभव नहीं हो पाती है।

आज से युवा कैदियों को वैक्सीन

कोरोना से बचाव के लिए जेलों में वैक्सीनेशन शुरू है। मोटे तौर पर 25 फीसद को वैक्सीन दे दी गई है। पहले दौर में 45 साल से अधिक उम्र के कैदियों को वैक्सीन दी गई। शुक्रवार से 18 से 44 वर्ष के कैदियों के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया गया। मोतिहारी केंद्रीय कारा में 30 फीसद से अधिक कैदियों को वैक्सीन की पहली डोज दे दी गई है।

अदालतों की बंदी में उलझ सकती है कैदियों की रिहाई

- जेल अधीक्षकों से मांगी गई छोडऩे लायक कैदियों की सूची

- अधिक संख्या के कारण सोने के समय दो गज की दूरी संभव नहीं

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