बाढ़ का मौसम आते ही कोरोना बढ़ाएगा परेशानी, इस बार अधिक राहत शिविर बनाएगी बिहार सरकार
बाढ़ शरण स्थल व बाढ़ प्रभावितों के लिए संचालित होने वाली सामुदायिक रसोई में प्रवेश के पूर्व थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। इस क्रम में मेडिकल स्क्रीनिंग भी होगी। इसके बाद जिसमें कोरोना का लक्षण पाया जाएगा उन्हें बाढ़ शरण स्थल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
पटना, राज्य ब्यूरो। Shelter for flood affected people: कोरोना की वजह से इस बार बाढ़ प्रभावित इलाकों को पिछली बार की तुलना में अधिक संख्या में बाढ़ शरण स्थल बनेंगे। आपदा प्रबंधन विभाग ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि अभी से ही ऐसे शरण स्थलों को चिह्नित कर लें। बाढ़ शरण स्थल से यथासंभव दूरी पर स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में हेल्थ क्वारंटाइन सेंटर संचालित किया जाएगा।
इस तरह से संचालित होगी व्यवस्था
निर्देश दिया गया है कि बाढ़ शरण स्थल व बाढ़ प्रभावितों के लिए संचालित होने वाली सामुदायिक रसोई में प्रवेश के पूर्व थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। इस क्रम में मेडिकल स्क्रीनिंग भी होगी। इसके बाद जिसमें कोरोना का लक्षण पाया जाएगा, उन्हें बाढ़ शरण स्थल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उन्हें सुरक्षित दूरी पर बने स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर उनके लिए आगे की व्यवस्था होगी।
रजिस्ट्रेशन केंद्र ही नियंत्रण कक्ष के रूप में काम करेगा
बाढ़ शरण स्थल पर जो बाढ़ प्रभावित पहुंचेंगे वहां उनके निबंधन के लिए रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाया जाएगा। यह नियंत्रण कक्ष के रूप में भी काम करेगा। पंजीकरण केंद्र पर ही सभी बाढ़ प्रभावितों को मास्क उपलब्ध करा दिया जाएगा। यहां सैनिटाइजर व हैंडवाश की व्यवस्था रहेगी।
टेंट व मच्छरदानी का भी रहेगा इंतजाम
टेंट व मच्छरदानी का भी इंतजाम होगा। छह माह से दो वर्ष के बच्चों के लिए विशेष भोजन व सैनिटरी किट की व्यवस्था किए जाने का भी निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारियों को कहा गया है जो जिले अत्यंत बाढ़ प्रभावित हैं, वहां मेगा शिविर लगाए जाने को स्थानों का चयन पहले से कर लिया जाए।
भोजन कराने का समय पालीवार तय होगा
कोरोना को ध्यान में रख यह व्यवस्था करने की हिदायत दी गई है कि भोजन कराने की व्यवस्था अलग-अलग पालियों में की जाए। इससे सुरक्षित दूरी का अनुपालन संभव हो सकेगा।