बिहार सरकार इस साल बाजार से ले सकती है 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक उधार

कोराना के चलते अर्थ व्यवस्था पर पड़े खराब असर के बावजूद राज्य सरकार अपने कुशल वित्तीय प्रबंधन के जरिए विकास कार्यों को प्रभावित नहीं होने दे रही है। जबकि इस दौर में आय में अपेक्षाकृत कमी आई है। खर्च बढ़ा है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 05:21 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 05:21 PM (IST)
बिहार सरकार इस साल बाजार से ले सकती है 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक उधार
बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि कोराना के चलते अर्थ व्यवस्था पर पड़े खराब असर के बावजूद राज्य सरकार अपने कुशल वित्तीय प्रबंधन के जरिए विकास कार्यों को प्रभावित नहीं होने दे रही है। जबकि इस दौर में आय में अपेक्षाकृत कमी आई है। खर्च बढ़ा है। वे बुधवार को विधानसभा में बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन संशोधन विधेयक पेश कर रहे थे। उन्होंने बिहार माल और सेवा कर संशोधन विधेयक भी पेश किया। इसके जरिए जीएसटी काउंसिल के उन संशोधनों को राज्य में लागू किया जाएगा, जो संसद में पहले पारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसे राज्य में लागू करना बाध्यकारी है। 

उन्होंने सदन को बताया कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में केंद्र सरकार ने चालू वित्त (2021-22) वर्ष के लिए राज्यों के राजकोषीय घाटा और वार्षिक उधार सीमा को सकल घरेलू उत्पाद के चार फीसद करने का निर्णय किया है। इस विधेयक के पारित होने से राज्य को चालू वित्त वर्ष के शुरुआत में सकल घरेलू उत्पाद के साढ़े तीन फीसद तक कर्ज लेने की सुविधा हासिल होगी। बाकी आधा फीसद कर्ज की सीमा राज्य के लिए निर्धारित वृद्धिशील पूंजीगत व्यय पर आधारित होगी। प्रसाद ने कहा कि इसके अलावा राज्य को 0.5 फीसद की अतिरिक्त उधार सीमा की भी सुविधा मिल रही है। इसका निवेश ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे सुधार के उपायों पर होगा।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि सकल घरेलू उत्पाद पर आश्रित रहकर राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष में कुल तीस हजार पांच सौ 77 करोड़ रुपये बाजार से उधार ले सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए सुखद यह है कि करों का संग्रहण संतोषप्रद ढंग से हो रहा है। वाणिज्य कर विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में करीब 57 सौ करोड़ रुपये का कर संग्रह किया। यह बड़़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि खजाने की सेहत के लिए अच्छी बात यह है कि राजकोषीय घाटा में लगातार कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि बिहार माल और सेवा कर संशोधन विधेयक से भी कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी। 

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