केंद्रीय टीम की तेजी से बिहार को हो गया 323 करोड़ रुपए का नुकसान, केवल एक काम ने बचाई लाज
Bihar Electricity News बिहार में यह प्रविधान कुछ वर्ष पहले किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त बिजली कंपनी ने एवरेज कास्ट आफ सप्लाई और एवरेज रेवन्यू रिसिप्ट के अंतर को दस फीसद तक कम किया। बिजली कंपनी मानक के तहत तय एक बिंदु पर सफल नहीं रही।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Electricity News: अगर बिजली कंपनी के एग्रीगेट टेक्निकल एंड कामर्शियल लास का आकलन दिसंबर के बजाए मार्च में हो गया होता तो बिहार सरकार को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 323 करोड़ रुपये और मिल जाते। मार्च में बिजली कंपनी ने इस शीर्ष में अपने लक्ष्य को पूरा भी किया पर केंद्रीय टीम ने दिसंबर में ही अपना आकलन कर लिया। मालूम हो कि किसानों के खाते में बिजली बिल की सब्सिडी राशि को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से बिजली बिल के साथ ही बताने व समायोजित कर देने की इनोवेटिव कवायद ने बिहार को 1292 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिए हैं।
राज्य सरकार को मिलने वाली राशि पिछले वर्ष मई में केंद्र सरकार द्वारा घोषित आत्मनिर्भर पैकेज का हिस्सा है। किसानों को मिलने वाली मुफ्त बिजली आपूर्ति के बदले डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की शुरुआत के इनोवेटिव प्रयास की सराहना करते हुए यह राशि ऋण के रूप में मिली है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत जीडीपी के आधार पर उधारी को लेकर जो मानक तय हुए थे, उसमें केवल एक मानक में ही बिहार सफल हो सका। वह मानक था किसानों के बिजली बिल पर डायरेक्ट बेनफिट ट्रांसफर।
बिहार में यह प्रविधान कुछ वर्ष पहले किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त बिजली कंपनी ने एवरेज कास्ट आफ सप्लाई और एवरेज रेवन्यू रिसिप्ट के अंतर को दस फीसद तक कम किया। इस सुधार को भी सराहा गया। बिजली कंपनी मानक के तहत तय एक बिंदु पर सफल नहीं रही। वह बिंदु था एग्रीगेट टेक्निकल एंड कामर्शियल लास का। इसलिए इसके आधार पर .20 फीसद ही उधारी की सीमा तय हो सकी और .05 फीसद राशि बिहार को नहीं मिली। आकलन तीन महीने बाद होता तो सरकार को 323 करोड़ और मिल जाते मार्च की जगह दिसंबर में ही एग्रीगेट टेक्निकल एंड कामर्शियल लास का आकलन हो गया इस वजह से बिजली कंपनी की .05 फीसद राशि कम हो गई ऊर्जा सेक्टर में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ने बिहार को दिलाए थे 1292 करोड़