बिहार की खाद्य मंत्री लेसी सिंह ने राशन कार्ड नहीं मिलने पर लिया तुरंत एक्‍शन, बेसहारा संगीता की मदद भेजा

पटना के फुलवारीशरीफ की नोहसा पंचायत स्थित बहादुरपुर में संगीता के पति की कोरोना से मौत हुई थी। उनकी मौत के बाद परिवार में राशन कार्ड पर अनाज नहीं मिलने की खबर का खाद्य एवं उपभोक्‍ता मंत्री लेसी सिंह ने संज्ञान लिया। तुरंत मदद भेजवाई।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:49 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 10:35 AM (IST)
बिहार की खाद्य मंत्री लेसी सिंह ने राशन कार्ड नहीं मिलने पर लिया तुरंत एक्‍शन, बेसहारा संगीता की मदद भेजा
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो। राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ स्थित नोहसा पंचायत के बहादुरपुर गांव की रहने वाली एक महिला संगीता देवी के पति का कोविड-19 से निधन हो गया था। वे घर के एकमात्र कमाउ सदस्‍य थे। उनकी मौत के बाद संगीता और दो बच्‍चों के लिए भूखमरी की स्थिति पैदा हो गई थी। परिवार में राशन कार्ड पर सिर्फ मिट्टी का तेल मिल रहा था। राशन नहीं मिलने की खबर संज्ञान में आने पर लेसी सिंह ने इस बारे में खुद पहल की। मीडिया में यह न्‍यूज आने के बाद मंत्री ने एक्‍शन लिया। उन्‍होंने अपनी निजी व्यवस्था से 25 किलो चावल, गेहूं व 25 सौ रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई।

10 दिन में बनेगा राशन कार्ड

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री ने संगीता से फोन कर पूरे मामले की जानकारी ली। संगीता ने बताया कि 21 मई को उनके पति उमेश कुमार की कोरोना से मौत हो गई। परिवार में 14 वर्षीय पुत्र और 12 वर्षीया पुत्री है। लेसी सिंह ने संगीता को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने अधिकारियों के दल को बहादुरपुर गांव भेजकर दस दिनों के अंदर संगीता का राशन कार्ड बनवाकर राशन उठाव सुनिश्चित करने को कहा।

बता दें कि संगीता का 14 वर्षीय पुत्र इसी साल मैट्रिक की परीक्षा देनेवाला था। संगीता ने बताया था कि आर्थिक तंगी के कारण पुत्र पढ़ाई छोड़कर मजदूरी करने की बात करता था। पति के इलाज में बचा-खुचा पैस लग गया था। इसके बाद गांव में ही पति की गुमटी थी, वह भी बंद हो गई। यदि मायके वालों ने खाना न दिया होता तो भूखों मरने की नौबत आ गई थी। पहले भी गरीबी के कारण मायके में रहकर बेटे की पढ़ाई करा रही थी। उसके पास जो राशन कार्ड है उसपर डीलर कहता था कि यह पीला कार्ड नहीं है, इसलिए सिर्फ मिट्टी तेल देता था।

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