Bihar Election 2020: सुरजेवाला ने कहा पूरे देश में कांग्रेस करेगी चरणबद्ध आंदोलन, खेत-खलिहानों को गिरवी रखने की साजिश कर रहे भाजपा-जदयू

Bihar Election 2020 कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने पूछा बताएं कौन देगा एमएसपी कहां देगा और कैसे देगा? आरोप मोदी-नीतीश कसम खाते किसानों की दोस्ती निभाते मुठ्ठीभर पूंजीपतियों से । हमारी सरकार बनी तो लागू किया जाएगा न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून ।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 09:46 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 10:11 PM (IST)
Bihar Election 2020: सुरजेवाला ने कहा पूरे देश में  कांग्रेस करेगी चरणबद्ध आंदोलन, खेत-खलिहानों को गिरवी रखने की साजिश कर रहे भाजपा-जदयू
कांग्रेस मुख्‍यालय सदाकत आश्रम में मीडिया से बात करते रणदीप सुरजेवाला।

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Assembly Election 2020:   बिहार विधानसभा चुनाव (Assembly Poll)  की तैयारियों के बीच संसद (Parliament) के दोनों सदनों से पारित तीन कृषि कानून (Agriculture Act) को लेकर कांग्रेस (Congress)  सत्तासीन भाजपा-जदयू (BJP-JDU) पर आक्रामक हो गई है। इन कानूनों को किसान, मजदूरों के खिलाफ बड़ी साजिश बताते हुए कांग्रेस ने इसके खिलाफ बिहार के साथ देशभर में चरणबद्ध आंदोलन (phased movement) चलाने का एलान किया। साथ ही कांग्रेस ने दावा किया कि बिहार में उसकी सरकार बनने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून (Minimum Support Price Gurantee law)  लागू किया जाएगा। कांग्रेस ने एनडीए सरकार से पूछा है कि बताए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य कौन देगा, कहां देगा, कैसे देगा।

हरित क्रांति को हराने की साजिश

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला, छत्तीसगढ़ के जीएसटी, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव, बिहार कांग्रेस प्रभारी व सांसद शक्ति सिंह गोहिल गुरुवार को नए कृषि कानून की जानकारी देने के लिए बिहार में थे। सदाकत आश्रम में प्रेस से बात करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि संसद से पास कानून हरित क्रांति को हराने और खेत-खलिहानों को पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने के लिए लागू किए जा रहे हैं। मोदी-नीतीश कसम किसानों की खाते हैं, लेकिन दोस्ती मुठ्ठी भर पूंजीपतियों से निभाते हैं।

62 करोड़ किसान काले कानून के खिलाफ

उन्होंने कहा मोदी सरकार ने काले कानूनों के जरिए किसान, खेत-मजदूर, छोटे दुकानदार, मंडी मजदूर व कर्मचारियों की आजीविका पर क्रूर हमला बोला है। देशभर के 62 करोड़ किसान, ढ़ाई सौ से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ देश भर में आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने कहा अगर अनाज मंडी-सब्जी मंडी की व्यवस्था खत्म हो जाएगी, तो कृषि उपज खरीद प्रणाली पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। तब किसानों को एमएसपी  कैसे मिलेगा और कौन देगा। क्या एफसीआइ साढ़े 15 करोड़ किसानों से एमएसपी पर उनकी फसल खरीद सकता है। सुरजेवाला ने कहा इसका जीता जागता उदाहरण बिहार है। जहां 2006 में अनाज मंडियां खत्म कर दी गई। आज जब मोदी-नीतीश एमएसपी का ढिंढोरा पीट रहे हैं, तो बिहार का किसान एमएसपी न मिलने के कारण रोज पिट रहा है। उन्होंने कहा मोदी सरकार अगर तीनों कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य शब्द लिख दे तो कांग्रेस अपना आंदोलन वापस लेने को तैयार है।

किसान के मुद्दे पर बिहार देगा कांग्रेस को अपना समर्थन

छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि ये कानून जबरदस्ती थोपे जा रहे हैं। पिछले दो वर्ष में कई कॉरपोरेट ने खुद को दीवालिया घोषित किया है। ऐसे में किसानों और उनकी फसल को कॉरपोरेट हाथों में सौंपना कितना जायज है। जब फसलों के दाम गिर जाएंगे तो क्या पूंजीपति किसानों की फसल खरीदेंगे। टीएस सिंहदेव ने कहा कि बिहार में 2015 के चुनाव में आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस को जो समर्थन मिला था वहीं समर्थन इस चुनाव किसानों के मुद्दे पर बिहार की जनता कांग्रेस को देगी।

सरकार आई तो लागू करेंगे एमएसपी कानून

बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि बिहार में कांग्रेस सत्ता में आती है तो किसानों के समर्थन में न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून लागू किया जाएगा। एक सवाल पर उन्होंने कहा सहयोगी दलों से इस मुद्दे पर उनकी बात भी हुई है। उन्होंने कहा बिहार के लोग बदलाव चाहते हैं। बिहार की राजग सरकार हर मोर्चे पर फेल है। महागठबंधन पॉजिटिव एजेंडा के साथ चुनाव मैदान में जाएगा। प्रेस कांफ्रेंस में बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा, विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह, राजेश राठौर, आनंद माधव समेत पार्टी के कई विधायक, व नेता मौजूद रहे।

कांग्रेस का चरणबद्ध आंदोलन :

- 25 को भारत बंद का समर्थन

- 26-27 को स्क्रीनिंग कमेटी अध्यक्ष व सदस्य आंदोलन की रणनीति निर्धारित करेंगे

- 28 को कांग्रेस का राजभवन मार्च

- 02 अक्टूबर को पूरे राज्य में धरना प्रदर्शन

-03 अक्टूबर से 13 नवंबर के बीच दो करोड़ किसानों से हस्ताक्षर प्राप्त करना

- 14 नवंबर को राष्ट्रपति से मिल किसानों के हस्ताक्षर सौंपना

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