बिहार के सवा करोड़ छात्रों के पाठ्यक्रम में होगा बड़ा बदलाव, अब इन चार भाषाओं की भी होगी पढ़ाई
पांचवीं कक्षा तक मगही भोजपुरी अंगिका एवं बज्जिका भी पढ़ाई जाएगी। अभी पहली से पांचवीं तक हिंदी अंग्रेजी उर्दू मैथिली एवं बांग्ला की पढ़ाई हो रही है। नए पाठ्यक्रम और नई किताबों से सवा दो करोड़ से ज्यादा विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा।
दीनानाथ साहनी, पटना : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में 2026 तक पहली से 12वीं कक्षा की किताबें बदल जाएंगी। इसके लिए शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों के स्तर पर पाठ्यक्रम बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। इनमें भाषाओं की पाठ्य-पुस्तकें भी होंगी। पांचवीं कक्षा तक मगही, भोजपुरी, अंगिका एवं बज्जिका भी पढ़ाई जाएगी। अभी पहली से पांचवीं तक हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, मैथिली एवं बांग्ला की पढ़ाई हो रही है। नए पाठ्यक्रम और नई किताबों से सवा दो करोड़ से ज्यादा विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा। 'राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूप-रेखा' के आधार पर पाठ्यक्रम और फिर उसके आधार पर पुस्तकें तैयार करने हेतु दो नोडल अफसरों की तैनाती हुई है। इनमें डा. रश्मि प्रभा और डा. वीके कुज्जर शामिल हैं।
एक्शन मोड में एससीईआरटी की टीम
राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की टीम द्वारा प्रदेश की भाषा व क्षेत्रीय बोलियों को ध्यान में रखते हुए पाठ्यचर्या की रूप-रेखा तैयार की जा रही है। यह कार्य अगले वर्ष यानी 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। राष्ट्रीय के मानकों के आधार पर ही गुणात्मक और रचनात्मक पाठ्यक्रम बनेगा। उसके बाद पाठ्य-पुस्तकें बदल जाएंगी, जो छात्रों के सीखने के अनुभवों पर ज्यादा फोकस होगी। इसके लिए प्रश्नावली तैयार हो रही है। इसमें तय 25 बिंदुओं पर विद्यार्थियों, शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों, शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थानों, विद्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं समुदाय से सुझाव लिए जाएंगे और फिर उसे पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाएगा।
कक्षा छह के सिलेबस में वोकेशनल इंटर्नशिप भी
पाठ्यक्रम में छात्रों की बेहतरी के लिए फिटनेस, अ'छा स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण, बेहतर नैतिक मूल्य आदि जुड़ेंगे। कक्षा छह से व्यवसायिक परीक्षण इंटर्नशिप पर पाठ्यक्रम की भी तैयारी हो रही है। पाठ्यचर्चा की रूप-रेखा में तकनीकी सहयोग हेतु एनसीईआरटी दो और नोडल अफसरों की नियुक्ति करने जा रहा है। बता दें किराज्य के विद्यालयों में मौजूदा पाठ्यक्रम राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूप-रेखा, 2005 के आधार पर संचालित है। वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2011 तक तैयार कक्षावार पाठ्यक्रम से अभी पठन-पाठन हो रहा।
पाठ्यचर्चा तैयार करने पर कार्य शुरू
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के तहत पाठ्यचर्चा तैयार करने पर कार्य शुरू है, ताकि नए पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा सके। बदले हुए पाठ्यक्रम के आधार पर ही चरणबद्ध तरीके से कक्षावार पुस्तकें बदलेंगी। पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में होगी। इसीलिए राष्ट्रीय मानकों के आधार पर गुणवत्ता पूर्ण पुस्तकें तैयार कराई जाएंगी।