बिहार के 74 हजार स्कूलों में मोबाइल एप से होगी मिड-डे मील योजना की मानीटरिंग, तैयारी पूरी

कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद जब सरकारी विद्यालय खोले जाएंगे तो 74 हजार प्रारंभिक विद्यालयों में मिड-डे मील योजना की निगरानी मोबाइल एप से कराई जाएगी। मिड-डे मील निदेशालय ने तैयारी अभी से शुरू कर दी हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 06:50 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 06:50 PM (IST)
बिहार के 74 हजार स्कूलों में मोबाइल एप से होगी मिड-डे मील योजना की मानीटरिंग, तैयारी पूरी
बिहार में एमडीएम में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार की बड़ी पहल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद जब सरकारी विद्यालय खोले जाएंगे, तो 74 हजार प्रारंभिक विद्यालयों में मिड-डे मील योजना की निगरानी मोबाइल एप से कराई जाएगी। मिड-डे मील निदेशालय ने तैयारी अभी से शुरू कर दी हैं। मिड-डे मील के क्रियान्वयन की मानीटरिंग के लिए एक मोबाइल एप तैयार किया गया है, जिस पर हर रोज जानकारी ली जाएगी। इस संबंध में निदेशालय ने सभी 38 जिलों को आवश्यक निर्देश जारी किया है। एमडीएम में गड़बड़ी के कुछ मामले सामने आने के बाद से बिहार सरकार लगातार पूरी व्‍यवस्‍था को चाक-चौबंद करने में जुटी है।

प्रति छात्र हो रहा छह से नौ रुपए तक खर्च

निदेशालय के मुताबिक यदि किसी विद्यालय में मिड-डे मील की व्यवस्था में अनियमितता पकड़ी जाती है, तो इसकी सूचना मोबाइल एप से तत्काल कंट्रोल रूम में दी जाए। राज्य में मिड-डे मील योजना के तहत सरकार स्कूलों में पौने छह रुपये से ले कर साढ़े नौ रुपये तक प्रति छात्र रोजाना खर्च कर रही है। इस खर्च का ब्योरा हर माह मुख्यालय को भेजना अनिवार्य है। इसके लिए सभी प्रधानाध्यापकों को नई एडवाइजरी जारी की गई है। साथ ही, मिड-डे मील योजना के लाभार्थियों के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है।

जून और जुलाई के लिए बच्चों को मिलेगा अनाज

कोरोना महामारी के चलते सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन सरकार उन्हें मिड-डे मील योजना का लाभ देने में कतई पीछे नहीं है। इस योजना के तहत जून और जुलाई के लिए करीब पौने करोड़ बच्चों को अनाज मिलेगा। इसके लिए भी व्‍यवस्‍था बनाई जा रही है।

गरीब परिवारों को स्‍कूल से जोड़ने की योजना

गरीब परिवार अपने बच्‍चों को कई बार इसलिए ही स्‍कूल नहीं भेजते कि वे उनकी आमदनी बढ़ाने में मददगार हो जाएंगे। ऐसे बच्‍चों को एक वक्‍त का खाना स्‍कूल में दिए जाने से एकदम गरीब परिवारों को काफी राहत भी मिल जाती है। यह गरीब परिवारों के बच्‍चों को स्‍कूल आने के लिए प्रोत्‍साहित करने वाली योजना है।

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