बिहारः शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश, 33 फीसद शिक्षक और कर्मचारी ही जाएंगे स्कूल व कॉलेज
कोरोना महामारी को देखते हुए अब स्कूलों एवं कालेजों में 33 फीसद शिक्षक एवं कर्मचारी ही जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों को 15 मई तक बंद किए जाने के बाद शिक्षा विभाग ने गुरुवार को यह आदेश जारी किया है।
राज्य ब्यूरो पटना : बिहार में कोरोना महामारी को देखते हुए अब स्कूलों एवं कालेजों में 33 फीसद शिक्षक एवं कर्मचारी ही जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों को 15 मई तक बंद किए जाने के बाद शिक्षा विभाग ने गुरुवार को यह आदेश जारी किया है। हालांकि मिडिल स्कूलों से लेकर प्लस टू तक के विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों की ड्यूटी रोज लगाई गई है। इन स्कूलों के शिक्षक एवं कर्मचारी प्रतिदिन बारी-बारी से 33 फीसद उपस्थित रहेंगे। जिन प्राथमिक विद्यालयों में दो शिक्षक कार्यरत हैं, वहां बारी-बारी से एक शिक्षक ड्यूटी करेंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी।
नहीं ली जाएंगी परीक्षाएं, 33 फीसद होगी उपस्थिति
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि सभी स्कूल और कॉलेज, कोचिंग संस्थान एवं अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद किए जा चुके हैं। इसलिए इस अवधि में किसी भी तरह की परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर और उनके समकक्ष के सभी पदाधिकारी और कर्मचारी प्रतिदिन 33 फीसद उपस्थित रहेंगे। जबकि एसोसिएट प्रोफेसर और उनके समकक्ष के पदाधिकारी प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे।
क्वारंटाइन सेंटरों के लिए गाइडलाइन की जारी
अनुमंडलों में प्रस्तावित क्वारंटाइन सेंटरों को तैयार किए जाने की गाइडलाइन जारी की गई है। यह बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी की है। इसके तहत अनुमंडल स्तर पर शिक्षण संस्थान या फिर किसी बड़े भवन को क्वारंटाइन सेंटर के लिए चिह्नित किए जाने का निर्देश दिया गया है। यह भी कहा गया है कि सेंटर के लिए जिस प्रभारी को प्रतिनियुक्त किया जाएगा वह अनुमंडलीय स्तर के अधिकारी होंगे। नई व्यवस्था के तहत अनुमंडल क्वारंटाइन सेेंटर में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा, जहां बाहर के राज्यों से आने वाले श्रमिकोंं एवं वैसे अन्य लोगों का निबंधन कराया जाएगा जिन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाना है।