Gupteshwar Pandey News: बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, चुनाव लड़ने के कयासों को किया खारिज

बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। इसके बाद उनके राजनीति के अखाड़े में कूदने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि उन्‍होंने कहा है कि निकट भविष्‍य में उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 11:25 PM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 01:29 PM (IST)
Gupteshwar Pandey News: बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, चुनाव लड़ने के कयासों को किया खारिज
बिहार के डीजीपी गुप्‍तेश्‍वर पांडये, जिन्‍होंने स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है।

पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (DGP Gupteshwar Pandey) से जुड़ी यह बड़ी खबर है। उन्‍होंने मंगलवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary Retirement) ले ली। वे 1987 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service) के अधिकारी थे। गृह विभाग ने उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की मंजूरी प्रदान कर दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब वे राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रत्‍याशी के रूप में बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) लड़ेंगे। हालांकि, उन्‍हाेंने इस संभावना काे खारिज करते हुए कहा है कि निकट भविष्‍य में एनका ऐसा कोई इरादा नहीं है। इस बीच राज्‍य सरकार ने फायर सर्विस व होमगार्ड के डीजी संजीव सिंघल को डीजीपी का अतिरिक्‍त प्रभार दिया है। 

विधानसभा चुनाव लड़ने के कयासों को किया खारिज

स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद उनके चुनाव लड़ने के कयासों को पिछले दिनों बक्सर में जेडीयू जिलाध्यक्ष के साथ उनकी मुलाकात से बल मिला। चर्चा है कि वे बक्सर या आरा जिले की किसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इसके पूर्व भी वे 2009 में वीआरएस का आवेदन देकर लोकसभा चुनाव लडऩे की कोशिश कर चुके थे। हालांकि, उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया है कि वे किसी राजनीतिक दल में नहीं हैं। आगे भी फिलहाल ऐसा कोई इरादा नहीं है। जहां तक समाज सेवा की बात है, वे राजनीति में गए बिना भी ऐसा कर सकते हैं।

सीएम नीतीश कुमार के करीबी अधिकारियों में शामिल थे 

गुप्तेश्वर पांडेय डीजीपी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर चुनाव लड़ने वाले बिहार के पहले अधिकारी होंगे। डीजीपी रहते हुए उन्‍हें मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का करीबी अधिकारी माना जाता था।

सुशांत मामले को ले राष्‍ट्रीय चर्चा में भी आए

गुप्तेश्वर पांडेय 31 जनवरी 2019 को बिहार के डीजीपी बने थे। बतौर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 तक था। हाल के दिनों में अपने कई उल्लेखनीय कार्यों को लेकर वे चर्चा में बने रहे। मुख्य रूप से बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की माैत के मामले (Sushant Singh Rajput Death Case) में वे राष्‍ट्रीय स्‍तर पर चर्चा में आए। सुशांत मामले में मुख्‍य आरोपित रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) द्वारा मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ सवाल उठाने पर गुप्‍तेश्‍वर पांडेय ने रिया की औकात को लेकर सवाल कर विवाद भी खड़ा कर दिया था। बाद में उन्‍हें इसके लिए सफाई भी देनी पड़ी थी। आरोप-प्रत्यारोप के क्रम में शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय राउत ने उनपर शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने तक का आरोप लगाया था। हालांकि, हर बार वे चुनाव लडऩे की चर्चाओं पर विराम लगाते रहे।

कड़क प्रशासक की रही छवि

गुप्तेश्वर पांडेय विशेष शाखा में आइजी रहे। वे मुजफ्फरपुर और दरभंगा जोन के आइजी तथा एडीजी मुख्यालय, एडीजी बेतार और एडीजी बीएमपी भी रहे। गुप्तेश्वर पांडेय को आम जनमानस के अलावा सरकार की नजर में अपराध नियंत्रक और कड़क प्रशासक की छवि रही। लॉकडाउन के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ सीधी बात कर उनका हौसला बढ़ाने के लिए भी उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर बेहतर प्रयास किया।

सिंघल को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार

बिहार के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार होमगार्ड के डीजी संजीव कुमार सिंघल को दिया गया है। गृह विभाग ने मंगलवार देर रात इसकी अधिसूचना जारी कर दी। 1988 बैच के सीनियर आइपीएस अधिकारी संजीव कुमार सिंघल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा समेत कई जिलों के एसपी, एसएसपी, डीआइजी, आइजी, एडीजी और डीजी के पद पर कार्य कार्यरत रहे हैं। सिंघल का नाम बिहार के तेजतर्रार अफसरों में शुमार है। चर्चा है कि सरकार डीजीपी पद पर जल्‍दी ही सिंघल की पूर्णकालिक तैनाती कर देगी।

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