बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से की मुलाकात

बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने गुरुवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से शिष्टाचार मुलाकात कर राज्य के वित्तीय मामलों के संबंध में विमर्श किया। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटा की सीमा राज्य घरेलू उत्पाद का चार प्रतिशत निर्धारित है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 04:20 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 04:20 PM (IST)
बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से की मुलाकात
बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की।

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बाजार से कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने का आग्रह केंद्र से किया है। फिलहाल यह चार फीसद है। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। आग्रह किया कि कर्ज की सीमा चार से बढ़ाकर पांच फीसद किया जाए। तारकिशोर प्रसाद राज्य के वित्त मंत्री भी हैं। मालूम हो कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में पहले यह सीमा तीन फीसद निर्धारित थी। बाद में 15वें वित्त आयोग की सिफारिश पर इसमें दो फीसद की बढ़ोतरी की गई। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्हें केंद्र सरकार से सकारात्मक संकेत मिला है। 

मालूम हो कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र ने राज्यों के लिए कर्ज लेने की जो सीमा तय की है, उससे बिहार सरकार करीब 32 हजार करोड़ रुपये उधार ले सकती है। यह सकल घरेलू उत्पाद का चार प्रतिशत है। यही राजकोषीय घाटा की सीमा भी है। चार में से साढ़े तीन फीसद उधार बिना किसी शर्त के है। बाकी आधा फीसद उधार के साथ शर्त यह है उसे बिजली प्रक्षेत्र में सुधार पर निवेश किया जाएगा। अगर राज्य सरकार की पांच फीसद की मांग मान ली जाती है तो सरकार बाजार से उधार के तौर पर करीब 40 हजार करोड़ रुपये जुटा पाएगी। यह कुल बजट का करीब 18.34 फीसद होगा। 

मासिक सीमा में भी रियायत

उप मुख्यमंत्री ने कर्ज लेने की मासिक सीमा में भी रियायत की मांग की है। उन्होंने कहा कि तय सीमा यह है कि वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीने में राज्य सरकार बाजार से कुल राशि का 75 फीसद हिस्से की उगाही कर सकती है। बाकी 25 फीसद की उगाही की मंजूरी दिसंबर या जनवरी में मिलती है। उप मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया कि वह बाकी राशि की उगाही की मंजूरी इसी समय दे दें, ताकि राज्य सरकार अक्टूबर-दिसंबर के तीन महीने में ही बाकी 25 फीसद राशि की उगाही कर सके।

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