Bihar Crime: लंबित मामलों को दूसरे न्‍यायालय में ट्रांसफर करने की तैयारी, गवाहों और भगोड़ों का बनेगा रजिस्‍टर

बिहार में गृह विभाग का निर्देश गवाहों और भगोड़ों का बनेगा रजिस्टर विचारण के अंतिम चरण वाले वाद का प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन करने का निर्देश लंबित मामलों को अलग न्‍यायालय में ले जाकर जल्‍द निपटाने की तैयारी

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 07:14 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 07:14 AM (IST)
Bihar Crime: लंबित मामलों को दूसरे न्‍यायालय में ट्रांसफर करने की तैयारी, गवाहों और भगोड़ों का बनेगा रजिस्‍टर
बिहार में लंबित मुकदमों को निपटाने के लिए विशेष तैयारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Crime: बिहार के थानों में लंबित मामलों को खत्‍म करने के लिए पुलिस कई स्‍तर पर प्रयास कर रही है। राज्‍य के गृह विभाग ने पुलिस अभियोजन प्रकोष्ठ की कमी को दूर करने के लिए केस से जुड़े गवाहों और भगोड़ों का अलग-अलग रजिस्टर बनाने का निर्देश दिया है। इसमें अधिकारियों को तिथिवार आंकड़ा अंकित करने को कहा गया है। पुलिस के अभियोजन शाखा के पास इसका रजिस्टर होगा। केस के दौरान गवाह के मुकरने पर एसपी को इसकी जानकारी दी जाएगी। पिछले दिनों गृह विभाग के सचिव की अध्यक्षता में लोक अभियोजक, जिला अभियोजन पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता एवं पुलिस उपाधीक्षक के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा बैठक में कई अहम निर्देश दिए गए।

जुलाई माह के आधार पर सभी को दिया लक्ष्‍य

बैठक में जिलावार लंबित कांडों की समीक्षा भी की गई। जुलाई माह की रिपोर्ट के आधार पर अलग-अलग जिलों को वाद निबटारे का लक्ष्य भी दिया गया। मधेपुरा व अररिया के पदाधिकारियों के अनुपस्थित रहने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। लोक अभियोजक के साथ जिला अभियोजन पदाधिकारियों द्वारा अगले माह तक बड़ी संख्या में लंबित वादों को निबटाने का आश्वासन दिया गया।

लंबित कांडों का होगा स्थानांतरण

गृह विभाग ने निर्देश दिया कि जिस न्यायालय में पीठासीन पदाधिकारी का स्थानांतरण हो गया है, वहां त्वरित विचार के लिए लंबित कांडों को अन्य न्यायालय में स्थानांतरण करने का अनुरोध जिला एवं सत्र न्यायाधीश से किया जाए। इसकी प्राथमिकता सूची भी बनाई जाए जिसके आधार पर विचारण कराया जाए। जो भी वाद विचारण के अंतिम चरण जैसे सफाई साक्ष्य, बहस एवं निर्णय के स्तर पर लंबित हैं, ऐसे वादों का प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन कराया जाए।

कोरोना काल में न्‍यायालय बंद होने से भी पड़ा असर

कोरोना काल में न्‍यायालय के लंबे समय तक बंद रहने और पुलिस को दूसरे कामों में लगाए जाने से भी अपराध से जुड़े मामलों की जांच और सुनवाई पर असर पड़ा है। अब स्थिति सामान्‍य होने के बाद सरकार इस गैप को भरने की कोशिश में जुट गई है। सरकार ने बड़े अपराधियों को चिह्न‍ित कर उनके मामलों में जांच और सुनवाई को जल्‍द पूरा करने का भी निर्देश दिया है।

chat bot
आपका साथी