बिहारः दाहसंस्कार के नाम पर 16 हजार वसूले, फिर कूड़ा ढोने वाले ठेले से भिजवाया शव

बिहार में कोरोना महामारी के इस काल में भी लोग आपदा में अवसर की तलाश में लगे हैं। अस्पताल से लेकर शमशान तक लूट मची है। कुछ ऐसा ही मामला नगर निगम के वार्ड-8 से आया है जो मानवता को शर्मसार करने के लिए काफी है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 06:05 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 06:05 AM (IST)
बिहारः दाहसंस्कार के नाम पर 16 हजार वसूले, फिर कूड़ा ढोने वाले ठेले से भिजवाया शव
बिहारशरीफ में ठेले पर शव लेकर जाते सफाईकर्मी।

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: कोरोना महामारी के इस काल में भी लोग आपदा में अवसर की तलाश में लगे हैं। अस्पताल से लेकर शमशान तक लूट मची है। कुछ ऐसा ही मामला नगर निगम के वार्ड-8 से आया है, जो मानवता को शर्मसार करने के लिए काफी है। दरअसल, सोहसराय वार्ड-8 के जलालपुर में किराए के मकान में रहने वाले मनोज कुमार उर्फ गुड्डू की मौत 13 मई को कोरोना की वजह से हो गई थी। मौत के बाद परिवार के लोगों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या दाह संस्कार की थी। क्योंकि कोरोना संक्रमण की वजह से मौत के बाद कोई अर्थी को कंधा तक देने को तैयार नहीं था।

ऐसे में मृतक के मामा दिलीप हलवाई ने वार्ड पार्षद सुशील कुमार उर्फ मिट्टू से बात की। दाह संस्कार की एवज में वार्ड पार्षद ने 22 हजार रुपये की मांग की। रकम बड़ी होने के कारण मृतक के मामा सहित परिवार के अन्य लोगों ने वार्ड पार्षद से दाह संस्कार का दर कम करने की आरजू की। ऐसे में दाह संस्कार का रेट 16 हजार 5 सौ रुपये तय किया गया। थोड़ी ही देर बाद पीपीई किट पहनकर कूड़ा ढोने वाला ठेला लेकर निगम के सफाईकर्मी आए। फिर कूड़ा ढोने वाले ठेले पर सफाई कर्मी शव को रखकर बिहारशरीफ के 17 नंबर स्थित शमशान घाट की ओर ले गए। वहां जैसे-तैसे शव को जला दिया गया।

दाह संस्कार के लिए पैसे लेने का कोई प्रावधान नहीं

शव जलने के तुरंत बाद वार्ड पार्षद ने पैसे की मांग कर दी। वार्ड पार्षद को 16 हजार 5 सौ रुपये तुरंत दिए गए। लेकिन बदले में कोई रसीद नहीं मिली। इस पूरी घटना के कई लोग साक्षी भी थे। इस मौके पर कई लोगों ने कोरोना से मरने वाले लोगों का दाह संस्कार नि:शुल्क किए जाने के प्रावधान की बात कही। लेकिन लोगों की बातें काटते हुए वार्ड पार्षद ने कहा कि ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं। सब कहने की बातें हैं। लेकिन जब इस बात की जानकारी निगम कार्यालय से ली गई तो पता चला कि दाह संस्कार के लिए पैसे लेने का कोई प्रावधान नहीं है। अपने को ठगा महसूस कर मृतक के मामा ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री व डीएम सहित कई अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को पत्र के माध्यम से करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पत्र में जलालपुर के दर्जनों लोगों ने भी हस्ताक्षर किए हैं। यह पत्र जलालपुर सेवा समिति के पैड पर भेजा गया है। 

आरोप संगीन, कठोर कदम उठाने को नगर निगम तैयार

नगर आयुक्त  अंशुल अग्रवाल ने कहा कि वार्ड पार्षद पर लगाए गए आरोप संगीन है। कोरोना से मरने वाले लोगों के दाह संस्कार का नि:शुल्क प्रावधान है। आवेदक ने नगर निगम के कूड़ा ढोने वाले ठेले में शव ले जाने की बात कही है। यह चौंकाने वाली बात है। आरोप संगीन है, ऐसे में तमाम बिंदुओं की जांच की जा रही है। अगर, आरोप सही मिले तो निगम कठोर कदम उठाने को तैयार है।

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