Bihar Coronavirus Update: कोविड अस्पताल में रोते रहे मरीजों के स्वजन, बोले- इमरजेंसी वार्ड में भी नहीं आए डॉक्टर
Bihar Coronavirus Update News बिहार के सबसे बड़े कोविड अस्पताल एनएमसीएच में दिखी अफरातफरी आधे से भी कम रहे डॉक्टर अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए बढ़ाए गए 500 बेड कंट्रोल रूम में लगातार आ रहे थे फोन मरीज कहते रहे नहीं आ रहे डॉक्टर साहब
पटना सिटी, जागरण संवाददाता। Bihar Coronavirus Update News: नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (Nalanda Medical College and Hospital) में कोविड मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़कर 500 हो गई है। कोविड अस्पताल होने के पहले दिन यानी मंगलवार को सुबह से ही एनएमसीएच (NMCH) अफरातफरी रही। अस्पताल के कंट्रोल रूम में फोन की घंटियां बजती रहीं। फोन पर लोग बेड व ऑक्सीजन उपलब्ध होने की जानकारी लेते रहे। भर्ती होने के लिए कई मरीज सुबह ही अस्पताल पहुंच गए। भर्ती कराने के लिए सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर पर गए। इंतजार के बाद करीब 10:30 बजे रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ। रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज को भर्ती कराने में भी परेशानी हुई।
इमरजेंसी में भी नहीं पहुंच रहे डॉक्टर
इधर, कंट्रोल रूम में लगातार फोन की घंटी बजती रही। मेडिसिन, इमरजेंसी, आइसीयू समेत अन्य वार्ड में भर्ती कोरोना मरीज एवं उनके स्वजन फोन पर रो-रो कर कहते रहे थे कि डॉक्टर साहब देखने नहीं आ रहे हैं। मरीज की हालत बिगड़ रही है। इमरजेंसी तक में डॉक्टर नहीं पहुंचे हैं। केवल नर्स मौजूद हैं। कुछ लोगों ने फोन पर शिकायत दर्ज कराई कि डॉक्टर मरीज तक नहीं पहुंच रहे हैं बल्कि नर्स से मरीज का पुर्जा मांग कर बाहर बैठे पुर्जा पर ही दवा और इलाज कर रहे हैं।
रोस्टर ड्यूटी में दर्ज डॉक्टरों ने नहीं उठाया फोन
कंट्रोल रूम में उपलब्ध डॉक्टरों की रोस्टर ड्यूटी लिस्ट में दर्ज फोन पर बात करने की कोशिश की गई। कई डॉक्टरों का फोन या तो नहीं लगा या उठा नहीं। जिसने फोन उठाया उसने टालमटोल वाला जवाब देकर फोन काट दिया। रोस्टर के अनुसार आधे से कम डॉक्टर ही ड्यूटी पर मौजूद थे। पीजी डॉक्टरों ने मोर्चा संभाल रखा था। मरीज परेशान होते रहे। कुछ मरीज व स्वजन ने तो किसी भी डॉक्टर के राउंड नहीं लगाने का आरोप लगाया।
कोविड मरीजों के इलाज के लिए बनी सात यूनिट
अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए सात यूनिट बनाई गई है। सभी विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। यूनिट इंचार्ज को रोस्टर अनुसार डॉक्टरों की उपस्थिति और राउंड लगाना सुनिश्चित कराना है। बेड बढ़ने के पहले दिन व्यवस्था को सुचारु करने में प्रशासन व्यस्त रहा। डॉक्टरों वार्ड में मरीजों तक पहुंचे रहे हैं।