JDU प्रदेश महासचिव रविन्‍द्र तांती की करोना से मौत, कभी राबड़ी के लिए दिया था MLC पद से इस्‍तीफा

Bihar CoronaVirus Updare बिहार में जेडीयू के प्रदेश महासचिव रविन्‍द्र तांती की शुक्रवार को पटना एम्‍स में करोना से मौत हो गई। उनके निधन पर जेडीयू में शोक व्‍याप्‍त है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 04:40 PM (IST) Updated:Sat, 15 Aug 2020 09:31 PM (IST)
JDU प्रदेश महासचिव रविन्‍द्र तांती की करोना से मौत, कभी राबड़ी के लिए दिया था MLC पद से इस्‍तीफा
JDU प्रदेश महासचिव रविन्‍द्र तांती की करोना से मौत, कभी राबड़ी के लिए दिया था MLC पद से इस्‍तीफा

पटना, जेएनएन। जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश महासचिव (JDU State General Secretary) तथा पूर्व विधान पार्षद (Ex MLC) रविन्द्र तांती (Ravindra Tanti) की शुक्रवार को कोरोना से मौत हो गई। वे पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS Patna) में 10 दिनों से भर्ती थे, जहां बीते नौ दिनों से वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। एक जमाने में रविन्‍द्र तांती राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के करीबी थे। लालू ने ही उन्‍हें 1996 में पहली बार एमएलसी (MLC) बनाया था, लेकिन 1997 में राबड़ी देवी (Rabri Devi) को मुख्यमंत्री (CM) बनाने के लिए उन्‍होंने उनके एमएलसी बनने के लिए अपनी सीट से त्यागपत्र (Resignation) दे दिया था।

जेडीयू के प्रदेश महासचिव थे पर्वू एमएलसी रविन्‍द्र तांती 

रविन्‍द्र तांती वर्तमान में वे जेडीयू के प्रदेश महासचिव थे। वे बिहार राज्य अति पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष भी रहे थे। वे पटना के फतुहा स्थित मकसुदपुर के निवासी थे। उनके निधन से जेडीयू में शोक व्‍याप्‍त है।

विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति ने व्यक्त किया शोक

रविन्‍द्र तांती के निधन पर बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने शोक व्यक्त किया है। उन्‍होंने कहा कि वे एक सफल और विलक्षण प्रतिभा के राजनेता थे। वे समाज के निचले तबके के लिए अंत तक कार्य करते रहे। उन्होनें लगातार बिहार के तांती- बुनकर समाज के उत्थान के लिए कार्य किया। उनका सरल स्वभाव ही उनकी पहचान थी। अवधेश नारायण सिंह ने उनकी आत्मा को शांति तथा शोक संतप्त परिवार को दुख सहने की शक्ति देने के लिए प्रार्थना की।

कभी राबड़ी देवी के लिए छोड़ दिया था एमएलसी का पद

विदित हो कि रविन्द्र कुमार को लालू प्रसाद यादव ने 1996 में पहली बार एमएलसी बनाया था। लेकिन 1997 में उन्‍हें राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा। तब राबड़ी देवी किसी भी सदन की सदस्‍य नहीं थी। नियत अवधि के भीतर उनका राज्‍य के दोनों सदनों में से एक का सदस्‍य होना संवैधानिक जरूरत थी। इसे देखते हुए रविन्‍द्र तांती आगे आए। उन्‍होंने अपनी सीट से त्यागपत्र देकर राबड़ी देवी के एमएलसी बनने का मार्ग प्रशस्‍त किया। बाद में लालू प्रसाद ने उन्‍हें फिर 1998 में एमएलसी बनाया। वे 2004 तक एमएलसी रहे।

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