दानापुर के रेल अस्‍पताल में 14 घंटे पड़ा रहा महिला रेलकर्मी का शव, हंगामा बढ़ा तब जागे अधिकारी

Bihar Coronavirus News Update दानापुर के रेलवे अस्‍पताल में एक महिला रेलकर्मी का शव अस्पताल के शव गृह में 14 घंटे पड़ा रहा। परिजन रात भर शव लेने के लिए अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाते रहे मगर सरकारी सिस्टम का हवाला देकर शव देने से इन्कार किया जाता रहा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 01:05 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 01:05 PM (IST)
दानापुर के रेल अस्‍पताल में 14 घंटे पड़ा रहा महिला रेलकर्मी का शव, हंगामा बढ़ा तब जागे अधिकारी
दानापुर में महिला रेलकर्मी का शव सौंपने के लिए हंगामा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

खगौल (पटना), संवाद सूत्र। Bihar Coronavirus Update News: कोरोना महामारी ने स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की हालत खस्‍ता कर दी है। चाहे सरकारी अस्‍पताल हो या निजी, राज्‍य सरकार का अस्‍पताल हो या केंद्र सरकार का, सबका हाल एक सा दिख रहा है। दानापुर के रेलवे अस्‍पताल में एक महिला रेलकर्मी का शव अस्पताल के शव गृह में 14 घंटे पड़ा रहा। परिजन रात भर शव लेने के लिए अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाते रहे, मगर सरकारी सिस्टम का हवाला देकर शव देने से इन्कार किया जाता रहा। जब परिजन की सब्र की बांध टूटा और लगे हंगामा करने तो आनन-फानन में शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। मामला खगौल स्थित दानापुर रेल मंडल असपताल का है।

दानापुर स्‍टेशन पर बतौर ओएस तैनाती थीं मंजू कुमारी दूबे

पीड़ित रेलवे गार्ड से सेवानिवृत्‍त विजय कुमार तिवारी ने बताया कि उनकी पत्नी मंजू कुमारी दूबे रेलवे में दानापुर स्टेशन पर ओएस के पद पर कार्यरत थी। चार दिन पहले उन्‍होंने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली थी। उनकी तबीयत खराब होने के बाद रेलवे अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। कोरोना की जांच में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इस बीच मंगलवार की शाम उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई और उनकी मृत्यु हो गई।

एक-दूसरे पर जिम्‍मेदारी थोपते रहे अधिकारी

रेलकर्मी की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने उनके शव को शवगृह में डाल दिया गया। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा स्थानीय पुलिस का मामला बताकर शव देने से मना कर दिया था। महिला के पति ने जब स्थानीय खगौल थाना से संपर्क किया तो थाने ने अस्पताल और जिला प्रशासन का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। एक स्थानीय साथी की मदद से दानापुर जिला प्रशासन के डीसीएलआर से संपर्क कर शव सौंपने की गुहार लगाई। डीसीएलआर ने उन्हें नेचुरल डेथ पर अस्पताल द्वारा शव को पीपी किट में डालकर परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए बांस घाट ले जाने की प्रक्रिया बताई।

हंगामा बढ़ने तो लगा हरकत में आया अस्‍पताल प्रशासन

स्‍वजनों के लगातार गुहार के बाद भी अस्पताल प्रशासन केवल पुलिस के सामने व पांच परिजन के हस्ताक्षर कर शव देने की बात पर अड़ा रहा। इस बीच अतरी गया निवासी सेवानृवित रेलकर्मी राम विनय का शव भी मंगलवार की रात से शव गृह में पड़ा रहा। उनके पुत्र मुकेश सिंह भी शव लेने की गुहार लगाते रहे। अस्पताल प्रशासन की रवैये से दोनों मृतकों के परिजनों का सब्र का बांध टूट पड़ा और लगे हंगामा करने। हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रशासन ने जल्दी-जल्दी कागजी कार्यवाही पूरा कर स्‍वजनों को शव सौंप दिया गया।

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