बिहारः बिना पहचान पत्र वालों को भी लगेगी कोरोना वैक्सीन, कोविन ऐप से मिलेगी मदद

bihar corona vaccine अब बगैर पहचान पत्र वाले लोगों को भी चिह्नित कर उन्हें कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने दिशानिर्देश जारी कर दिया है। ऐसे लोगों की पहचान करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 06:37 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 06:37 PM (IST)
बिहारः बिना पहचान पत्र वालों को भी लगेगी कोरोना वैक्सीन, कोविन ऐप से मिलेगी मदद
बिना पहचान पत्र वालों को भी कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, गोपालगंज: अब बगैर पहचान पत्र वाले लोगों को भी चिह्नित कर उन्हें कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने दिशानिर्देश जारी कर दिया है। इस निर्देश के अनुसार जिनके पास पहचान पत्र नहीं है, उन्हें चिह्नित कर ऐसे लोगों को कोविन ऐप में पंजीकृत कर कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन लोगों की पहचान करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

इनको रखा गया है श्रेणी में

जानकारी के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए आधार कार्ड, वोटर आइडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर कार्ड या पेंशन पेपर में से किसी एक पहचान पत्र का होना जरूरी है। लेकिन अब अगर किसी के पास यह पहचान पत्र नहीं हैं तो उन्हें वैक्सीनेशन से वंचित नहीं रखा जा सकता। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसे लोगों का टीकाकरण कराने के लिए गाइलाइन जारी की है। इस श्रेणी में बुजुर्ग, साधु-संत, जेल में बंद कैदी, मानसिक अस्पतालों में भर्ती मरीज, वृद्धाश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केन्द्रों में रह रहे मरीज शामिल होंगे।

टास्क फोर्स को सौंपी गई जिम्मेदारी

गोपालगंज : बिना पहचान पत्र वाले लोगों को ढूंढने का काम जिले की टास्क फोर्स करेगी। वह अल्पसंख्यक विभाग, सामाजिक न्याय विभाग व समाज कल्याण विभाग के सहयोग से ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी। इन लोगों का कोविन ऐप में पंजीकरण कराया जाएगा। जिसमें लाभार्थी का नाम, जन्म का साल और लिंग दर्ज कराया जाएगा। मोबाइल नंबर और पहचान पत्र की अनिवार्यता नहीं होगी। इसका सत्यापन फैसिलिटेटर करेंगे जिसके बाद इन लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। गाइडलाइन के मुताबिक जिले की टास्क फोर्स जिलास्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी जो अलग-अलग समूह के लोगों की पहचान के लिए फैसीलिटेटर नियुक्त करेगा। यह फैसीलिटेटर लाभार्थियों की पहचान करेगा। नोडल अधिकारी उपलब्ध डेटा के मुताबिक इन लोगों के लिए विशेष वैक्सीनेशन सत्र का आयोजन किया जाएगा। 

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