Bihar Coronavirus: पटना के आइजीआइएमएस में मरीज के स्वजनों की एंट्री बंद, वार्ड अटेंडेंट ही करेंगे देखभाल
आइजीआइएमएस में तीमारदारों की इंट्री बंद वार्ड अटेंडेंट के भरोसे मरीज तीमारदारों का आरोप सिफारिश वालों की बेरोकटोक होती है इंट्री सुरक्षाकर्मियों की मिलीभगत से मिलता है चुनिंदा लोगों को प्रवेश अधीक्षक बोले मरीजों के हित में है फैसला
पटना, जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के कोविड वार्ड में मरीजों के तीमारदारों की इंट्री बंद कर दी गई है। मंगलवार की सुबह से इस व्यवस्था के लागू होने के बाद तीमारदारों में अफरातफरी की स्थिति बनी रही। इससे नाराज मरीजों के स्वजनों ने हंगामा भी किया। हालांकि सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ दिया गया। हंगामा कर रहे मरीजों के तीमारदारों का आरोप है कि सिफारिश वाले मरीजों के स्वजनों को आसानी से इंट्री मिल जाती है। तीमारदारों का कहना है कि कुछ लोग सुरक्षा कर्मी से मिलीभगत कर आसानी से वार्ड में चले जाते हैं।
सिफ़ारिश वालों को छूट पर ऐतराज
मुजफ्फरपुर निवासी अतुल, कंकड़बाग निवासी कृष्णा, राजीव नगर निवासी शंकर आदि ने बताया कि सिफारिश वाले मरीज के तीमारदार आसानी से समय-समय पर चले जाते हैं। कुछ लोग सुरक्षाकर्मी से मिलीभगत कर चले जाते हैं, जबकि उनके मरीज को बीपी व शुगर की परेशानी है। हर दो घंटे पर ग्लूकोमीटर से शुगर जांच होती है। खाने से पहले इंसुलिन देना होता है। इसके लिए गार्ड से आरजू-मिन्नत करने के बाद भी इंट्री नहीं दी गई।
देखभाल में लापरवाही का आरोप
लोगों का कहना है कि वार्ड में मरीजों की सही देखभाल तक नहीं होती है। उन्हें खाना खिलाने या नेचुरल कॉल के लिए भी कोई नहीं ले जाता है। मरीज दैनिक क्रियाएं बेड पर ही कर देते हैं। इसे साफ करने वाले भी समय से नहीं आते हैं। सुबह में ही केवल डॉक्टरों की राउंड होता है। इससे पहले सफाई की जाती है।
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बढ़ाए गए वार्ड अटेंडेंट
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि सभी की सुरक्षा व संक्रमण रोकने के लिए तीमारदारों को रोका गया है। वार्डों में मरीजों की सेवा के लिए वार्ड अटेंडेंट बढ़ाए गए है। किसी तरह की कोई शिकायत मरीज या तीमारदार की ओर से आती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।