बिहार में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट की जांच के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आई

Bihar CoronaVirus News पीएमसीएच में माइक्रोबायोलाजी के विभागाध्यक्ष डा. सत्येंद्र नारायण सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए 15 कोरोना संक्रमितों के आरएनए एक्सट्रैक्शन मंगलवार को सौंपे गए हैं। शुक्रवार तक इनकी रिपोर्ट आने की संभावना है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 30 Jun 2021 09:39 PM (IST) Updated:Wed, 30 Jun 2021 09:39 PM (IST)
बिहार में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट की जांच के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आई
बिहार में फिलहाल नहीं मिला डेल्टा प्लस वैरिएंट। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Bihar CoronaVirus News: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर झेल चुके बिहारवासियों के लिए राहत की खबर है। अभी तक प्रदेश खतरनाक माने जाने वाले डेल्टा प्लस वैरिएंट से सुरक्षित है। एम्स पटना से 25 ऐसे कोरोना पाजिटिव लोगों का आरएनए एक्सट्रैक्शन जीनोम सिक्वेंङ्क्षसग के लिए भेजा गया था, जो गंभीर लक्षणों से पीडि़त थे। इनमें से किसी में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। डब्ल्यूएचओ ने पीएमसीएच में पाजिटिव मिले 15 लोगों के नमूने जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट अबतक नहीं आई है। 12 राज्यों में अबतक 51 से अधिक डेल्टा प्लस वैरियंट के संक्रमित मरीज मिल चुके हैं।

एम्स के कोरोना नोडल पदाधिकारी डा. संजीव कुमार ने बताया कि डेल्टा प्लस वैरियंट के देश में दस्तक देने के बाद नए संक्रमितों के नमूने की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई गई थी। इसके तहत गंभीर लक्षणों वाले पाजिटिव मरीजों के नमूनों का आरएनए एक्सट्रैशन भुवनेश्वर की लैब भेजा गया था। वहां से मिली रिपोर्ट में किसी नमूने में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है।

पीएमसीएच में माइक्रोबायोलाजी के विभागाध्यक्ष डा. सत्येंद्र नारायण सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए 15 कोरोना संक्रमितों के आरएनए एक्सट्रैक्शन मंगलवार को सौंपे गए हैं। शुक्रवार तक इनकी रिपोर्ट आने की संभावना है। जिनका आरएनए एक्सट्रैक्शन जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिया गया है, वे सभी गंभीर लक्षण वाले थे।

क्यों बरती जा रही सावधानी

कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट को अत्यधिक संक्रामक व खतरनाक माना जा रहा है। दूसरे वैरियंट की तुलना में यह 60 फीसद अधिक संक्रामक है। यह फेफड़ों को बहुत जल्द संक्रमित करता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर हो जाती है।

ये लक्षण हों तो कराएं जांच

बुखार, सूखी खांसी और थकान।

सीने में दर्द व सांस लेने में तकलीफ।

त्वचा पर चकत्ते और पैर की अंगुलियों का रंग बदलना।

इन चीजों का रखें ध्‍यान

बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर जाएं।

बाहर निकलते वक्त डबल मास्क लगाएं।

हाथ सैनिटाइज करते रहें।

सार्वजनिक स्थलों पर शारीरिक दूरी नियम का पालन करें।

बाहर से आने पर हाथों को 20 सेकेंड तक अच्छे से धोएं।

बाहर से लाने के बाद सामान को ठीक से संक्रमणमुक्त करें।

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