रेमडेसिविर की कालाबाजारी में हॉस्पिटल के निदेशक सहित तीन गिरफ्तार, पटना में ईओयू की बड़ी कार्रवाई

Bihar Crime अस्पताल में छानबीन के बाद पता चला कि यहां के स्टाक से 45 इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा चुकी है। ईओयू देर रात गांधी मैदान थाने में अस्पताल के डायरेक्टर एजेंट और एमआर के खिलाफ केस दर्ज कराने में जुटी रही।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 07:38 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 07:38 AM (IST)
रेमडेसिविर की कालाबाजारी में हॉस्पिटल के निदेशक सहित तीन गिरफ्तार, पटना में ईओयू की बड़ी कार्रवाई
रेमडेसिविर इंजेक्‍शन की कालाबाजारी की सूचना पर छापेमारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच जहां मरीज और उसके स्वजन एक-एक रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए जूझ रहे हैं वहीं, राजधानी पटना में इसकी कालाबाजारी का पर्दाफाश हुआ है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए दो इंजेक्शन के साथ दरभंगा निवासी अल्ताफ अहमद को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन रेनबो हॉस्पिटल के निदेशक अशफाक अहमद से उसे मिलते हैं। टीम ने अस्पताल से अशफाक को भी दबोच लिया। अशफाक पश्चिम चंपारण जिले के ढाका का निवासी है।

45 इंजेक्‍शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश

अस्पताल के स्टॉक की तलाशी ली गई, जहां से तीन और इंजेक्शन मिले। सख्ती से पूछताछ में अशफाक ने कबूल किया कि उसने मेडिकल रिप्रजेंटेटिव (एमआर) राजू कुमार इंजेक्शन से खरीदे थे। टीम ने राजू कुमार को भी दबोच लिया है। अस्पताल में छानबीन के बाद पता चला कि यहां के स्टाक से 45 इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा चुकी है। जांच टीम ने डायरेक्टर के घर की भी तलाशी ली। ईओयू देर रात गांधी मैदान थाने में अस्पताल के डायरेक्टर, एजेंट और एमआर के खिलाफ केस दर्ज कराने में जुटी रही।

डायरेक्टर का रिश्तेदार है एजेंट, तीन दिनों से सर्च कर रही थी टीम 

जीवनरक्षक दवा, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में जुटी ईओयू की टीम को तीन दिन पूर्व एक मरीज के जरिए सूचना मिली कि एक एजेंट रेमडेसिविर इंजेक्शन 50 से 60 हजार रुपये में बेच रहा है। उसने एक मोबाइल नंबर दिया। इसके बाद ईओयू डीएसपी भाष्कर रंजन के नेतृत्व में टीम गठित गई। टीम पिछले तीन दिनों से उक्त नंबर को सर्च कर रही थी। इंजेक्शन दिलाने वाले एजेंट से ग्राहक बनकर ईओयू की टीम ने किया संपर्क

बेचे जा चुके थे 45 इंजेक्शन, डायरेक्टर के घर पर भी छापेमारी

50-50 हजार रुपये में दो इंजेक्शन लेकर पहुंचा एजेंट दबोचा गया

गुरुवार की शाम उक्त नंबर से संपर्क हुआ। पता चला कि एजेंट का नाम अल्ताफ है, उसने फोन पर बातचीत के बाद एक लाख रूपये में दो इंजेक्शन उपलब्ध कराने की बात कही। एजेंट ने उन्हें गांधी मैदान थाना क्षेत्र के पास  बुलाया। ईओयू वहां पहुंच गई। तभी एजेंट बाइक से दो इंजेक्शन लेकर पहुंचा। इंजेक्शन हाथ में आते ही टीम ने उसे दबोच लिया। उसी ने बताया कि रेनबो अस्पताल के डॉयरेक्टर अशफाक मेरे रिश्तेदार हैं। वहीं से इंजेक्शन मिलता था, जिसे जरूरतमंद को 50 से 60 हजार रुपये में वह बेचता था।

एमआर के जरिए हॉस्पिटल तक पहुंचे थे 50 इंजेक्शन

जांच टीम को अशफाक ने बताया कि उसे राजू ने 50 इंजेक्शन दिया था। फिर अस्पताल से स्टाक रजिस्टर, बैंक अकाउंट डिटेल सहित अन्य दस्तावेज की जांच शुरू हो गई। स्टाक रजिस्टर को देखने से पता चला कि 45 इंजेक्शन बेचे जा चुके हैं। ईओयू ने राजू को पूछताछ के लिये बुलाया। मिलीभगत की पुष्टि होते ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया। उसने यह भी बताया कि शाम के समय पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराया था। देर रात तक तीनों से पूछताछ चलती रही।

डायरेक्‍टर के साथ ही एमआर भी गिरफ्तार

ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने कहा कि अस्पताल के डायरेक्टर, एजेंट सहित एमआर को पकड़ा गया है। पांच इंजेक्शन बरामद हुए है। साक्ष्य के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। तीनों के बैंक अकाउंट की जांच होगी। स्टाक रजिस्टर जब्त किया गया है, जिससे पता चला कि है पूर्व में भी यहां से इंजेक्शन बेचा गया। जांच जारी है। 

आप भी कर सकते हैं शिकायत

कोरोना के इलाज में आवश्‍यक दवाओं और उपकरणों की कालाबाजारी की शिकायत आप भी ईओयू के 24 घंटे चलने वाले कंट्रोल रूम में कर सकते हैं। यहां आपकी शिकायत पर तत्‍काल कार्रवाई की जाएगी। कंट्रोल रूम का नंबर  0612-2215142 और 8544428427 है।

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