गोपालगंज सदर अस्पताल में सांस लेने की तकलीफ से आठ मरीजों की मौत, कोरोना रिपोर्ट में थे निगेटिव

डिप्टी सिविल सर्जन एसके गुप्ता ने बताया कि सांस की तकलीफ के मरीज गंभीर हालत में अस्पताल पहुंच रहे हैं। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता है लेकिन स्थिति ज्यादा खराब होने की वजह से वे दम तोड़ दे रहे हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 01:23 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 01:23 PM (IST)
गोपालगंज सदर अस्पताल में सांस लेने की तकलीफ से आठ मरीजों की मौत, कोरोना रिपोर्ट में थे निगेटिव
गोपालगंज में सांस लेने में दिक्‍कत होने से कई लोगों की मौत। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोपालगंज, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर के बीच बिहार के गोपालगंज सदर अस्पताल में सांस लेने में हो रही तकलीफ के कारण मरीजों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। शुक्रवार शाम से शनिवार की दोपहर तक सांस लेने में दिक्कत संबंधी 42 से अधिक मरीज सदर अस्पताल पहुंचे। इनका ऑक्सीजन सपोर्ट पर इलाज शुरू किया गया, लेकिन एक-एक कर 24 घंटे के अंदर आठ मरीजों की मौत हो गई। इन सभी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। बीते एक पखवारे की बात करें तो सांस लेने में दिक्कत के कारण सदर अस्पताल में 196 मरीजों की मौत हो चुकी है।

42 से अधिक मरीज इमरजेंसी वार्ड में भर्ती

बताया गया कि 42 से अधिक मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया। इनमें से आठ मरीजों को ऑक्सीजन देने के बाद भी उनका लेवल गिरता गया और एक-एक कर आठों की मौत हो गई। जिन मरीजों की मौत हुई है, उनमें शहर के सरेया मोहल्ला निवासी बहराम प्रसाद, बरौली थाना क्षेत्र के रूपचांद गांव निवासी विद्या चौधरी, बरौली थाना क्षेत्र के सुरवल गांव निवासी सबिता देवी, मीरगंज थाना क्षेत्र के मीरगंज निवासी उमेश ङ्क्षसह, बरौली थाना क्षेत्र के बरौली बाजार निवासी विद्या साह, हथुआ थाना क्षेत्र के तिवारी टोला गांव निवासी उमेश तिवारी तथा उत्तर प्रदेश के कुशीनगर निवासी सबदीन अंसारी शामिल हैं। 

गंभीर हालत में पहुंचते हैं ज्‍यादातर मरीज

वहीं इस संबंध में डिप्टी सिविल सर्जन एसके गुप्ता ने बताया कि सांस की तकलीफ के मरीज गंभीर हालत में अस्पताल पहुंच रहे हैं। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता है, लेकिन स्थिति ज्यादा खराब होने की वजह से वे दम तोड़ दे रहे हैं। जिलाधिकारी को मामले की सूचना दी जा चुकी है। उन्हीं के निर्देश पर ऐसे मरीजों के लिए इमरजेंसी वार्ड में अलग से बेड व ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। उन्‍होंने कहा कि मरीजों को समय पर अस्‍पताल में लाए जाने पर उनका इलाज सही तरीके से हो सकेगा।

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