बिहार के लिए केंद्र ने बढ़ाया रेमडेसिविर का कोटा, पटना में 80 फीसद हिस्सा मिलेगा निजी अस्पतालों को
Bihar Coronavirus Update News बिहार के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का 1.50 लाख कोटा तय यह कोटा 21 अप्रैल से 16 मई तक के लिए होगा पूर्व में 21 अप्रैल से नौ मई तक का कोटा तय था जल्द ही मिलेगी नई खेप
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar CoronaVirus News: केंद्र सरकार ने बिहार के लिए 1.50 लाख रेमडेसिविर का कोटा निर्धारित कर दिया है। यह कोटा 21 अप्रैल से 16 मई तक के लिए है। इस मियाद के बाद केंद्र से और रेमडेसिविर के लिए सरकार के स्तर पर आग्रह किया जाएगा। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को बताया कि बिहार में रेमडेसिविर की मांग निरंतर बढ़ रही है। जिसके बाद केंद्र से इस इंजेक्शन का कोटा बढ़ाने का आग्रह किया गया था। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। पूर्व में 21 अप्रैल से नौ मई तक के लिए करीब 87 हजार रेमडेसिविर का कोटा निर्धारित किया गया था। जिसमें से राज्य को अब तक 50 हजार से ज्यादा इंजेक्शन की वॉयल मिल चुकी है।
जल्द ही बिहार को मिलेगी दवा की बड़ी खेप
एक-दो दिन के अंदर बिहार को एक और बड़ी खेप मिलेगी। केंद्र द्वारा नए सिरे से कोटा का निर्धारण होने के बाद जिलों को आवंटित होने वाले कोटा में भी बदलाव किए गए हैं साथ ही वितरण की भी नई व्यवस्था बनाई गई है। नई व्यवस्था के तहत जिलों को जितने वॉयल रेमडेसिविर दिए जाएंगे उसका 50 फीसद हिस्सा सिविल सर्जन सरकारी अस्पतालों के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे जबकि शेष 50 फीसद हिस्सा जिले के चिह्नित निजी अस्पतालों के इस्तेमाल के लिए होगा।
पटना में 80 फीसद हिस्सा निजी अस्पतालों को
हालांकि पटना जिले के लिए वितरण की व्यवस्था में थोड़े बदलाव किए गए हैं। पटना सिविल सर्जन को जिला के लिए आवंटित कुल रेमडेसिविर का 20 फीसद हिस्सा सरकारी अस्पतालों के इस्तेमाल के लिए दिया जाएगा। शेष 80 फीसद हिस्सा चिह्नित निजी अस्पतालों के इस्तेमाल के लिए होगा। रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण एवं उपयोग की निगरानी सिविल सर्जन एवं सहायक औषधि निरीक्षक द्वारा की जाएगी।
पुराना स्टॉक उपयोग होने के बाद ही मिलेगा नया वायल
मंत्री ने बताया कि विभिन्न स्रोतों से ऐसी जानकारी मिल रही थी कि निजी अस्पताल पूर्व में दिए गए रेमडेसिविर की पूरी खपत किए बगैर नए सिरे से रेमडेसिविर की मांग करने लगते थे। परंतु अब ऐसा नहीं होगा। नई व्यवस्था में सिविल सर्जन इस बात की जांच करेंगे कि पूर्व में आवंटित रेमडेसिविर का उपयोग कर लिया गया है अथवा नहीं। साथ ही अस्पतालों को भी रेमडेसिविर का उपयोग किए जाने की पूरी रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंपनी होगी।