Bihar CoronaVirus ALERT: कोरोना पर फिट बैठते ये बॉलीवुड गीत, आप भी गुनगुनाइए- तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम...

Bihar CoronaVirus ALERT देश में आई कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर से बिहार भी अछूता नहीं है। बॉलीवुड के कुछ गीत इस सिचुएशन पर भी फिट बैठते हैं। ऐसे कुछ गीत कोरोनावायरस से बचाव का संदेश भी देते हैं। आइए डालते हैं नजर।

By Amit AlokEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 09:36 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 09:38 AM (IST)
Bihar CoronaVirus ALERT: कोरोना पर फिट बैठते ये बॉलीवुड गीत, आप भी गुनगुनाइए- तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम...
कोरोना संक्रमण के कारण सूनी पड़ी सड़क व कोरोनावायरस। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, ऑनलाइन डेस्‍क। Bihar CoronaVirus ALERT देश में कोरोनावायरस (CoronaVirus) की दूसरी लहर का कहर जारी है। बिहार में भी हालात बिगड़ते दिख रहे हैं। ऐसे माहौल में कोई भला फिल्‍मी गीत गाकर कोरोना की ऐसी की तैसी करेगा क्‍या? मुसीबत में घबराने के बदले सतर्क रहते हुए अपना बचाव करें और मस्‍त रहें। यही जीवन का मूल मंत्र है। ऐसे में कुछ फिल्‍मी गानों में छिपे संदेश को हम कोरोना के संदर्भ में किस तरह लेंगे, आइए इसपर भी डालते हैं नजर...

कुछ गीत जो बिलकुल सुरक्षित हैं...

    परदेशियों से ना अंखियां मिलाना...

(कोरोना पर बिलकुल सटीक। सही कहा।)

    तेरी दुनिया से हो के मजबूर चला...

(बिलकुल सुरक्षित गीत है भाई। गुनगुनाइए और अपनाइए।)

    तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम...   

(कंटेनमेंट जोन में नहीं जाएं तभी भलाई है। अन्‍यथा संक्रमण का खतरा है।)     चाहूंगा मैं तुझे सांझ सबेरे...   

(जी, बिलकुल चाहिए, लेकिन आवाज नहीं दीजिए। अपने घर से चाहने में कोई हर्ज नहीं है।)

    छुप गया कोई रे दूर से पुकार के...  

(यह आदमी आपका सच्चा दोस्‍त है। पुकार भी रहा है और मिल भी नहीं रहा है।)

    न तुम हमें जानो ना हम तुम्हें जानें...

(जब एक-दूसरे को जानते ही नहीं तो मिलने की क्‍या बेताबी है? कुछ दिन रुकिए, फिर जो करना है कीजिएगा।)

कोरोना के संक्रमण काल में इन गीतों से दूर ही रहें तो बेहतर है...

    आइए आपका इंतज़ार है...

(अरे नहीं भैया। अपने घर में ही रहो। इसी में भलाई है।)     बांहों में चले आओ...

(अभी तो कोई सवाल ही नहीं है।)     तुम पास आए...   

(अभी पास आएं? ऐसा सोंच कैसे लिया?)     लग जा गले कि फिर ये हंसी रात ...   

( पागल हो क्‍या? अभी तो ये मना है।)     ना जा मेरे हमदम...   

(सॉरी! जाने दो यार।)     पास आओ ना ...   

(नहीं, अभी आने की मनाही है। )     मुसाफिर हूं यारों...

(लेकिन सावधान। ज्‍यादा दूर गए और लॉकडाउन लग गया तो वापस आना मुश्किल हो जाएगा।)     गुनगुना रहे हैं भौंरे...   

(बगीचे में नहीं जाना है)

संदेश स्‍पष्‍ट है। सतर्क रहिए। मस्‍त रहिए। अपना बचाव खुद कीजिए।

नहीं तो ये गीत गाते रह जाएंगे...    ये क्या हुआ, कैसे हुआ...

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