Bihar CoronaVirus Alert: ऑक्सीजन की कमी के इन लक्षणों का रखें ध्यान, 95 से 100 के बीच हो सैचुरेशन लेवल
कोविड 19 संक्रमण के कारण शरीर में हुए ऑक्सीजन की कमी के गंभीर परिणाम नजर आते हैं। कोविड रोगी व उसकी देखभाल करने वालों को इस बात पर भी ध्यान रखना होगा कि मरीज किस प्रकार अपने शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ा सकता है।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: कोरोना की दूसरी लहर के कारण संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने के साथ मरने वालों की संख्या भी बढ़ी है। दूसरी लहर में कई नये लक्षण उभर कर सामने आये हैं। चूंकि कोविड संक्रमण फेफड़ों व श्वसन प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला रोग है, इसलिए शरीर को अधिक से अधिक ऑक्सीजन की जरूरत होती है। कोविड 19 संक्रमण के कारण शरीर में हुए ऑक्सीजन की कमी के गंभीर परिणाम नजर आते हैं। कोविड रोगी व उसकी देखभाल करने वालों को इस बात पर भी ध्यान रखना होगा कि मरीज किस प्रकार अपने शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ा सकता है। कई ऐसे कोविड मरीज जो गंभीर नहीं हैं उनके लिए अपने शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बनाये रखना बहुत जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने जानकारी दी है कि एक स्वस्थ्य व सामान्य ब'चे, किशोर या व्यस्क में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 95 से 100 प्रतिशत के बीच होना चाहिए।
जानिए क्यों जरूरी है शरीर के लिए ऑक्सीजन
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. राजेन्द्र कुमार राजेश ने बताया शरीर में खून में मौजूद हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन का वाहक होता है। यह पूरे शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रदान करता है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। ऑक्सीजन की कमी के कारण थकान महसूस होता है व सांस लेने में परेशानी व सांस फूलने की समस्या होती है। शरीर में ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है। ऑक्सीजन की कमी से ब्रेन हैमरेज व हार्ट अटैक हो सकता है। मधुमेह रोगियों में ऑक्सीजन की कमी के कारण रक्त में शुगर अचानक बढ़ जाता है जो जानलेवा होता है। ऑक्सीजन की कमी से थायरॉइड हार्मोन का संतुलन भी बिगड़ जाता है।
पल्स ऑक्सीमीटर से जानिए ऑक्सीजन का स्तर
शरीर में ऑक्सीजन सैचुरेशन को एसपीओ 2 से इंगित किया जाता है। पल्स ऑक्सीमीटर डिवाइस से खून में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल का पता चल पाता है। यह डिवाइस सभी प्रकार की ब्लड ऑक्सीजन लेवल की वजह से होने वाली बीमारियां जैसे श्वसन संबंधी गंभीर रोग सहित अस्थमा, एनीमिया, निमोनिया या ह्रदय से संबंधित गंभीर समस्या आदि में उपयोगी होता है।
ऑक्सीजन की कमी के इन लक्षणों का रखें ध्यान
- सांस लेने में कठिनाई
- भ्रम की स्थिति, होठों व चेहरे का रंग नीला पडऩा
- सीने में दर्द, चलने व उठने में समस्या
शरीर में ऑक्सीजन लेवल को ऐसे बढ़ायें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा होम आइसोलेशन या स्वास्थ्य केंद्रों में भरती मरीजों को ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए उन्हें बेड या जमीन पर पेट के बल सोने के लिए कहा जाता है। इसे प्रोन पॉजिशिनिंग कहा जाता है। पेट के बल मरीजों को लेटा कर उनके ऑक्सीजन लेवल में तेजी से सुधार आता है। इस पॉजिशन में मरीज का पेट बिस्तर पर और पीठ ऊपर रहना चाहिए। ऐसे सोने से फेफड़े अधिक तेजी से काम करते हैं। अधिक से अधिक समय तक इस पॉजिशन में लेटे रहें।
- पेट के बल सामने की तरफ लेट जाएं
- सर, कमर, कुल्हे व पैरों के नीचे तकिया रखें
- सुनिश्चित करें कि आपका सर आरामदायक स्थिति में हो
- एक से दो घंटे में अपने पॉजिशन को बदल लें
- समय-समय पर ऑक्सीजन लेवल की जांच करते रहें