बिहार में लोजपा के बाद अगला टारगेट कांग्रेस! जानिए किन विधायकों को लेकर ज्यादा है चिंता
Bihar Politics चर्चा की अपनी ही वजह है। 2020 का विधानसभा चुनाव जीतकर आने वाले 19 विधायकों में 12 तो विशुद्ध कांग्रेसी है लेकिन नौ विधायक ऐसे हैं जिनका इतिहास दल बदलने का रहा है। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनका मूल जदयू रहा है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद बिहार की राजनीति में कांग्रेस एक बार फिर चर्चा में है। कयास हैं कि जदयू अपने खेमे को मजबूत करने के लिए कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिश करेगा। कांग्रेस को तोडऩे की यह कोशिशें विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से हो रही है। हालांकि कांग्रेस अपने को एकजुट रखने में अब तक सफल रही है। चर्चा की अपनी ही वजह है। 2020 का विधानसभा चुनाव जीतकर आने वाले 19 विधायकों में 12 तो विशुद्ध कांग्रेसी है, लेकिन नौ विधायक ऐसे हैं जिनका इतिहास दल बदलने का रहा है।
कांग्रेस में कई ऐसे विधायक, जिनकी जदयू से नजदीकी
इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनका मूल जदयू रहा है और कुछ के दोस्ताना संबंध कांग्रेस में आने और उसके टिकट पर जीत दर्ज कराने के बाद भी जदयू से बने हुए हैं। कांग्रेस सूत्रों की माने तो मनिहारी विधायक के अलावा मुजफ्फरपुर, राजपुर के विधायक भी पाला बदलकर विधानसभा तक पहुंचे हैं। इनके साथ ही कुछ और विधायक भी हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में जदयू के नेता व भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी से उनके नजदीकी संबंध है। 2020 के परिणाम आने के बाद इन विधायकों पर डोरे डालने की कवायद हुई थी, लेकिन संख्या बल पूरा ना होने पाने की वजह से तब मकसद अधूरा रह गया।
कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिश के प्रबल आसार
अब एक बार फिर चर्चा है कि भाजपा के सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी और जदयू के सहयोगी जीतन राम मांझी के तेवर को देखते हुए कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिश हो सकती है। लेकिन, कांग्रेस इससे सीधा इंकार करती है। कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजीत शर्मा कहते हैं कांग्रेस आज भी देश की सबसे बड़ी पार्टी है। उसे तोडऩे का सपना देखने वालों का सपना पूरा नहीं होगा। विधायक कांग्रेस के साथ पूरी ताकत के साथ जुट है। वहीं मीडिया सेल के अध्यक्ष राजेश राठौर कहते हैं कि पिछले चार वर्षों से जदयू कांग्रेस को तोडऩे की कोशिश में है, लेकिन उनके मनसूबे ना तो कल सफल हुए थे ना ही आने वाले वक्त में ही सफल होने पाएंगे।