बिहार के सीएम नीतीश कुमार की नई भूमिका और लालू यादव के दांव-पेंच से दिल्ली की सियासत में हलचल
Bihar Politics बिहार की सियासी हलचल दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में चर्चा का मुख्य केंद्र बनने लगी है। ऐसा हुआ है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया बयानों और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक सक्रियता बढ़ने के बाद।
पटना, आनलाइन डेस्क। Bihar Politics: बिहार की सियासी हलचल दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में चर्चा का मुख्य केंद्र बनने लगी है। ऐसा हुआ है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया बयानों और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक सक्रियता बढ़ने के बाद। दोनों ही नेता वैसे दलों को गोलबंद करने में लगे हैं, जो केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का विरोधी हैं। यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री एक खास मुद्दे पर राजनीतिक दलों को गोलबंद करने की कोशिश कर रहे हैं तो लालू केंद्र की सरकार को उखाड़ फेंकने के इरादे के साथ। नीतीश कुमार ने पेगासस फोन टेपिंग मामले के साथ ही जाति आधारित जनगणना के मसले पर बयान दिया है। उनके बयान को विपक्ष खुद के लिए सकारात्मक मान रहा है।
मुलायम, शरद यादव सहित कई नेताओं से मिले लालू
सेहत में सुधार होते ही चारा घोटाले में जमानत पर आए लालू यादव राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, सपा के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, शरद यादव के अलावा और भी कई पार्टियों के कई नेताओं से मुलाकात की है। अब उनके कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की चर्चा है। लालू लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार के खिलाफ बयान दे रहे हैं। उनकी पार्टी का कहना है कि वे दोनों सरकारों को बेदखल करने की योजना पर काम कर रहे हैं। राजद के कई नेता तो यहां तक दावा कर चुके हैं कि लालू के दिल्ली से बिहार आते ही तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनेगी।
चिराग पासवान के बदले रूख से बनेंगे नए समीकरण
चिराग पासवान को राजद की ओर से लगातार आफर मिल रहा है। अब तो खुद लालू यादव भी उन्हें तेजस्वी यादव के साथ आने का न्योता दे चुके हैं। लालू ने चिराग की तारीफ करते हुए कहा कि वे अब नेता बन गए हैं। तेजस्वी और चिराग साथ आ जाएं तो उन्हें जीतने से कोई नहीं रोक सकता। अपनी तारीफ से गदगद चिराग ने फिलहाल तो किसी गठबंधन की संभावना से इंकार किया है, लेकिन उन्होंने राजद के साथ जाने से मना भी नहीं किया है। चिराग अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की आलोचना से बचे हैं, लेकिन वे अगर राजद के साथ जाते हैं तो यह स्थिति बदल सकती है। चिराग ने कहा है कि वे चुनाव के वक्त गठबंधन की संभावना पर विचार करेंगे।