CM नीतीश ने पूछा, कितने टाइम भोजन यहां करते हैं और क्या-क्या मिलता है... तो गदगद हो गए लोग

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सारण जिले के डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (सदर अस्पताल) स्थित सामुदायिक किचेन के वर्चुअल टूर पर थे। वहां भर्ती मरीजों के स्वजनों से वह बात कर रहे थे। परिजनों ने कहा कि दोनों टाइम भोजन मिल रहा। हम लोग संतुष्ट हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 10:36 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 10:36 AM (IST)
CM नीतीश ने पूछा, कितने टाइम भोजन यहां करते हैं और क्या-क्या मिलता है... तो गदगद हो गए लोग
बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। बताइए यहां कितने टाइम भोजन करते हैं? खाने में क्या-क्या मिलता है? सोमवार की दोपहर उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सारण जिले के डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (सदर अस्पताल) स्थित सामुदायिक किचेन के वर्चुअल टूर पर थे। वहां भर्ती मरीजों के स्वजनों से वह बात कर रहे थे। परिजनों ने कहा कि दोनों टाइम भोजन मिल रहा। हम लोग संतुष्ट हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

छपरा के दौलतगंज स्थित मिसरिया टोला के प्रदीप कुमार से जब मुख्यमंत्री ने बात की तो उन्होंने कहा कि इससे बहुत राहत है। घर से भी अच्छा खाना मिल रहा। हम बच्चों और बुजुर्गों के लिए खाना घर भी ले जाते हैं। मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने वर्चुअल टूर कार्यक्रम के तहत 22 जिलों के कम्युनिटी किचेन सेंटर का वर्चुअल टूर कर वहां के लाभार्थियों से बात की। वहां मिले लोगों से बात की और उनके हाल के बारे में पूछा। यह सद्भावना व्यक्त की कि आपके स्वजन जल्द से जल्द स्वस्थ होकर घर जाएं।

रिक्शा नहीं चला पा रहे इसलिए दोनों टाइम यहीं खा रहे

गोपालगंज के हथुआ सेंटर पर एक रिक्शा चालक ने बातचीत के क्रम में मुख्यमंत्री को बताया कि लाकडाउन में रिक्शा नहीं चला रहे। आमदनी का कोई जरिया नहीं। परिवार के साथ दोनों टाइम यहीं खा रहे। घर के जो बुजुर्ग या बच्चे यहां आने में असमर्थ हैं, उनके लिए पैकेट में भी खाना दिया जाता है।

नौ दिनों से यहीं खा रही हूं सर

सीतामढ़ी के पुपरी कन्या मध्य विद्यालय के एक सेंटर पर लभार्थी महिला ने कहा कि आठ-नौ दिनों से यहीं खा रही हूं। चावल, दाल, सब्जी, भुजिया, पापड़ और सलाद मिलता है। मुंगेर के एक सेंटर पर लाभार्थी ने यहां कम तेल-मसाले वाला खाना मिलता है। यह ठीक है सर। वैशाली जिले के एक सेंटर पर एक महिला ने कहा कि वह सिलौटी-लोढ़ी का काम करती है। आमदनी का कोई जरिया नहीं है? सपरिवार दोनों टाइम यहीं भोजन कर रहे।

किशनगंज के कम्यूनिटी सेंटर पर मजदूर वर्ग के लोगों ने भी कहा कि कोई दिक्कत नहीं। आपको धन्यवाद।  सुपौल के एक सेंटर पर महिला ने कहा कि खाना बदल-बदल कर मिलता है। अच्छी व्यवस्था है। जमुई के एक सेंटर पर भोजन कर रही महिला ने कहा कि दस दिन से पूरे परिवार के साथ यहां खाना खा रही हूं। कोई दिक्कत नहीं है।

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