Bihar Assembly Election 2020 : युवाओं ने एक सुर में कहा- जाति की बात छोड़िए, हमें काम चाहिए
Paliganj Polling सिगोड़ी में रोजगार का आलम यह है कि पांच सौ से अधिक घरों में गमछी (तौलिया) बनाई जाती है। क्वालिटी भी अच्छी होती है। रोजगार का बड़ा साधन है यह पर नयी पीढ़ी के बच्चे घर से दूर दूसरे धंधे में लग गए हैं।
पालीगंज, पटना [भुवनेश्वर वात्स्यायन]। पटना जिले में पालीगंज विधानसभा क्षेत्र का इलाका है सिगोड़ी। यह सुदूरवर्ती इलाका है। दस बजे के करीब हम सिगोड़ी से चार किमी पहले पतिरंगा में थे। यहां दर्जन भर युवक यूं ही सड़क के किनारे जमा थे। बूथ यहां से काफी दूर था। इस इलाके में भी इन युवाओं के बीच चर्चा में रोजगार था। सिगोड़ी में रोजगार का आलम यह है कि पांच सौ से अधिक घरों में गमछी (तौलिया) बनाई जाती है। क्वालिटी भी अच्छी होती है। रोजगार का बड़ा साधन है यह, पर नयी पीढ़ी के बच्चे घर से दूर दूसरे धंधे में लग गए हैं। पतिरंगा के युवाओं का कहना है कि जाति की बात छोड़िए हमको काम चाहिए।
पालीगंज के पतिरंगा से अंदर बढ़ने पर सरफुद्दीन राजकीय मध्य विद्यालय, सिगोड़ी में कई बूथ थे। मतदान को आने वालों की संख्या भी काफी थी। यहां बुर्का पहने महिलाएं भी खूब थीं। वोट की बात करने पर साफ कहती हैं कि हमारा तो समझ ही लीजिए। सब को पता है। एकजुटता दिखी सिगोड़ी में।
सिगोड़ी के पहले लाल भदसरा के बलुआ में वोटरों से बात हुई तो यहां मामला कुछ अप्रत्याशित लगा। यहां समीकरण के एक हिस्से में थोड़ा बिखराव दिखा। बाली पाकड़ में हमारी मुलाकात विजय नारायण शर्मा से हुई। हमने उनसे पूछा कि आप का कीमती वोट? उन्होंने कहा कि हम नाराज तो हैं, पर हमारे पास कोई विकल्प नहीं। वोट? तो तय ही मानिए। आगे बढ़ने पर सीही में भी कमोबेश यही स्थिति दिखी। इंचीपुर में रिंकी देवी मिलीं। कुछ महिलाओं के साथ मतदान के बाद वापस लौट रहीं थी। पूछने पर हत्थे से उखड़ गयीं। कहा कि हम मांझी जाति के हैं पर जाति खाना थोड़े देती है। जो खाना दे रहा है उसी को दिए हैं।
सिगोड़ी होते हुए हम मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र के देविरया पहुंचे। यहां स्थिति जैसी कही जाती है वैसी थी। एनडीए और महागठबंधन दोनों के समीकरण पूरी एकजुटता के साथ थे। कुछ प्रगतिशील विचारधारा के लोग जाति की बात से ज्यादा यह कह रहे कि हम रात को किसी भी समय आ-जा रहे। राजाचक और हसनपुर में भी समीकरण की बात। मसौढ़ी बाजार में एक महिला ने कहा कि हमको इंदिरा आवास का तीस हजार मिला है। और देने को कहे हैं। इसलिए नमकहरामी थोड़े ही करेंगे। मसौढ़ी के इस्लामपुर के उच्च विद्यालय भदौरा में नौकरी की आस वाले युवकों ने मोर्चा संभाला हुआ था।
पालीगंज पहुंचने के पहले लगभग नौ बजे हम बिक्रम विधानसभा क्षेत्र के राजकीय बुनियादी विद्यालय अख्तियारपुर में थे। काफी लंबी कतार थी। यहां सीधा-सीधा मुकाबला दिखा। कोरोना काल में हो रहे चुनाव की खासियत यह थी कि सभी बूथों पर टेंपरेचर लेने को आशा कार्यकर्ता की मौजूदगी थी। एक हाथ का ग्लव्स दिया जा रहा था और सैनिटाइजर की भी व्यवस्था थी।