Raghopur Election 2020: तेजस्‍वी यादव की सीट पर मुद्दे गौण और जाति व चेहरे पर चर्चा अधिक, 54 फीसद हुआ मतदान

Raghopur Assembly Election 2020 News यह विधानसभा क्षेत्र राज्य के हॉट सीटों में से एक है। दो मुख्यमंत्री और एक डिप्टी सीएम देने वाले इस क्षेत्र से महागठबंधन से मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव खड़े हैं। अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण ऊंट किस करवट बैठेगा कहना थोड़ा मुश्किल है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 04:24 PM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2020 09:08 PM (IST)
Raghopur Election 2020:  तेजस्‍वी यादव की सीट पर मुद्दे गौण और जाति व चेहरे पर चर्चा अधिक, 54 फीसद हुआ मतदान
महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट तेजस्‍वी यादव की तस्‍वीर ।

पटना/ बिदुपुर (राघोपुर विधानसभा) , शैलेश कुमार । दिन शनिवार। भगवानपुर में भास्कर की रश्मियां अभी चेहरे पर पड़ रही हैं। यानी सुबह का समय है। रफ्ता-रफ्ता लोग अपने दैनंदिन के कार्यों में जुटते जा रहे हैं। हाजीपुर-महनार रोड में सैदपुर गणेश पेट्रोल पंप से राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के बिदुपुर प्रखंड का इलाका शुरू हो जाता है। यह विधानसभा क्षेत्र राज्य के हॉट सीटों में से एक है। दो मुख्यमंत्री और एक डिप्टी सीएम देने वाले इस क्षेत्र से महागठबंधन से मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी यादव खड़े हैं। उनके मुकाबले में एनडीए से सतीश कुमार हैं, जबकि लोजपा से राकेश रौशन भी मैदान खम ठोक रहे हैं। दूसरे चरण में तीन अक्टूबर को यहां चुनाव होना है। तीन लाख 43 हजार 49 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने की कोशिश

हाजीपुर-महनार स्टेट हाईवे पर हाजीपुर से पांच-छह किलोमीटर पूरब की ओर बढऩे पर राघोपुर विधानसभा क्षेत्र शुरू होता है। स्टेट हाईवे की दोनो ओर केला बगान की हरियाली एकबारगी आंखों को सुकून देने लगती है। थोड़ा आगे बढऩे पर रजासन बाजार है। कई लोग अखबार पढ़ते मिल जाते हैं। नजरें अखबार के लोकल पन्नों की राजनीतिक खबरों पर टिकी हुई हैं। आपस में हल्की-फुल्की राजनीतिक चर्चा हो रही है। दुकान पर बैठे शंभु़ प्रसाद कहते हैं कि इस बार राघोपुर में अभी तक लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने की कोशिश हो रही है। अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण हैं। ऊंट किस करवट बैठेगा कहना थोड़ा मुश्किल है। चकौसन के व्यवसायी विनोद चौधरी कहते है कि मुद्दों पर कहीं कोई चर्चा तक नहीं है। बिदुपुर डीह के चाय विक्रेता मदन राय कहते हैं कि जो भी प्रत्याशी जीते, विकास होना चाहिए। गंगा घाट तक जाने वाली अधिकतर सड़कें जर्जर हैं। मंगलवार को यहां 54 फीसद मतदान हुआ।

मूंछ की लड़ाई है

यह विधानसभ क्षेत्र एक तरह से गंगा की गोद में है। एक हिस्सा राघोपुर प्रखंड चारो ओर से गंगा से घिरा है, जबकि बिदुपुर प्रखंड का दक्षिणी हिस्सा भी गंगा के किनारे है। अब मां गंगा किस प्रत्याशी पर अपनी कृपा बरसाती हैं, यह देखने की बात होगी। यादव बहुल इस विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन और एनडीए के प्रत्याशी एक ही जाति(यादव ) से आते हैं, जबकि राकेश रौशन राजपूत जाति से।

थोड़ा और आगे चलते हैं। बिदुपुर बाजार घनी आबादी वाला इलाका है। खिलवत पंचायत में एक जाति विशेष के वोट में बिखराव होने की प्रबल संभावना है। बिखराव ना हो तो यह आठवां आश्चर्य। कारण मूंछ की लड़ाई। हम तुमसे कम नहीं।

मुद्दे गौण और चेहरे व जाति हावी

इस विधानसभा क्षेत्र में मुद्दों पर चर्चा कम और जाति पर चर्चा अधिक है। आज तक बिदुपुर पीएचसी अपग्रेड होकर 30 बेड का अस्पताल नहीं बना, कोई फर्क नहीं, विधानसभा क्षेत्र में अब तक कोई डिग्री कॉलेज नहीं खुला, कोई चर्चा नहीं, चेचर गोपालपुर में बहुउद्देश्यीय ग्रामीण जलापूर्ति योजना एक दशक में पूरी नहीं हुई, कोई फर्क नहीं, पटना के लिए सीधी सरकारी बस सेवा शुरू नहीं हुई, कोई चर्चा नहीं, राघोपुर का दियारा क्षेत्र पर्यटन हब नहीं बना, कोई चर्चा नहीं। यानी मुद्दे गौण और चेहरे व जाति हावी।

बाढ़ को मुद्दा बनाने की कोशिश

उधर गंगा से घिरे राघोपुर प्रखंड के दियारा इलाके की जिंदगी कुछ अलग ही तेवर के साथ दिखती है। साल में अधिकतर महीने नाव से आने-जाने की जद्दोजहद कब खत्म होगी, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी। सिक्स लेन ग्रीन फील्ड पुल बन रहा है। 2021 के अंत तक पूरा होने होने की उम्मीद है। कोराना काल में पुल का काम थोड़ा प्रभावित हुआ है। चुनाव को देखते हुए पीपा पुल भी चालू कर दिया गया है। दियारा का इलाका कमोवेश हर साल बाढ़ और कटाव का दंश झेलता है। यहां की चुनावी सभाओं में बाढ़ को मुद्दा बनाने की कोशिश जरूर हुई है, लेकिन यह वोट को किस हद तक प्रभावित करेगी, यह कहना मुश्किल है।

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