बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया निर्देश, हाल की अतिवृष्टि से फसल क्षति का भी मिलेगा मुआवजा

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को फसल क्षति को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिया कि वर्षा के कारण फसल क्षति का सभी जिलों में आकलन करें और इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी प्रभावित क्षेत्र नहीं छूटे।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 11:12 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 11:12 PM (IST)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया निर्देश, हाल की अतिवृष्टि से फसल क्षति का भी मिलेगा मुआवजा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : पिछले दो-तीन दिनों में अतिवृष्टि के कारण हुई फसल क्षति को लेकर सरकार एक्शन में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को फसल क्षति को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिया कि वर्षा के कारण फसल क्षति का सभी जिलों में आकलन करें और इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी प्रभावित क्षेत्र नहीं छूटे। सभी गांवों में हुई फसल क्षति की जानकारी लें और प्रभावितों को इसका मुआवजा भुगतान सुनिश्चित करें।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच-छह माह से लगातार बारिश हुई है। राज्य में इस मानसून अवधि के दौरान चार चरणों में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। इस दौरान राहत एवं बचाव कार्य पूरी मुस्तैदी के साथ किया गया। 15 अक्टूबर के पहले सभी जगह की रिपोर्ट लेकर हुई फसल क्षति का आकलन किया गया और उसका मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से आपदा की स्थिति में लोगों को हर प्रकार से सहायता की जा रही है। - मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय समीक्षा में दिया निर्देश, कोई भी प्रभावित क्षेत्र न छूटे - सिंचाई कार्य को ठीक से देखें, बाढ़ से बचाव का स्थायी समाधान तलाशें  - जिन नदियों के किनारे तटबंधों का निर्माण बचा हुआ है, उसे जल्द पूरा करें - नदियों की उड़ाही के लिए योजना बनाकर करें काम  - छोटी नदियों को भी जोड़ने की बनाएं योजना

नदियों की उड़ाही के लिए योजना बनाकर काम करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग को दो भागों में बांटा गया है, ताकि सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण का कार्य ठीक ढंग से किया जा सके। सिंचाई कार्य को ठीक से देखने के साथ जल संसाधन विभाग बाढ़ से बचाव के स्थायी समाधान के लिए भी कार्य करे। जिन नदियों के किनारे तटबंधों का निर्माण बचा हुआ है उनका निर्माण कार्य जल्द पूरा करें। उन्होंने कहा कि नदियों की उड़ाही के लिए योजना बनाकर काम करें। छोटी-छोटी नदियों को भी कनेक्ट करने की योजना बनाएं, ताकि जल संरक्षण और सिंचाई की सहूलियत मिल सके। बिहार की 74 फीसद आबादी की आजीविका कृषि है। हमलोगों ने कई कार्य किए हैं, जिससे उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ी है। आमदनी बढ़ी है। खरीद का काम भी अच्छे से हो रहा है। इससे पहले जल संसाधन सचिव संजीव हंस, कृषि सचिव एन. सरवन कुमार, आपदा प्रबंधन के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति और अन्य नुकसान के बारे में जानकारी दी। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार एवं प्रधान सचिव चंचल कुमार एवं सचिव अनुपम कुमार मौजूद थे। 

chat bot
आपका साथी