बिहार कैबिनेट की बैठक में 24 एजेंडों पर मुहर, शिक्षकाें के वेतन भुगतान का रास्‍ता साफ

बिहार मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की बैठक में मंगलवार को 24 प्रस्‍ताव स्‍वीकृत किए गए। बैठक में नियोजित शिक्षकों के वेतन को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 09:34 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 08:23 PM (IST)
बिहार कैबिनेट की बैठक में 24 एजेंडों पर मुहर, शिक्षकाें के वेतन भुगतान का रास्‍ता साफ
बिहार कैबिनेट की बैठक में 24 एजेंडों पर मुहर, शिक्षकाें के वेतन भुगतान का रास्‍ता साफ

पटना [राज्य ब्यूरो]। राज्य मंत्रिमंडल ने नवगठित पटना महानगर क्षेत्र प्राधिकार के कार्यालय के लिए विभिन्न श्रेणी के 76 पद सृजन की मंजूरी दी है। साथ ही प्रदेश के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान का रास्ता भी साफ कर दिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मंगलवार की बैठक में कुल 24 एजेडों पर मुहर लगाई गई।

समग्र शिक्षा अभियान के लिए 1.41 अरब स्वीकृत

प्रदेश के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में समग्र शिक्षा अभियान (पूर्व में सर्वशिक्षा अभियान) स्कीम के तहत राज्यांश के रूप में 1.41 अरब दस लाख रुपये की राशि स्वीकृत कर दी। यह राशि केंद्र सरकार द्वारा एड-हॉक के रूप में विमुक्त 2.11 अरब 65 लाख रुपये के विरूद्ध जारी की गई है। जारी राशि से नियोजित शिक्षकों को चार महीने से बकाया वेतन दिया जा सकेगा।

प्रधान सचिव कैबिनेट ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस वर्ष समग्र शिक्षा अभियान के लिए साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। जिसमें से राज्य सरकार को एड-हक के रूप में 2.11 अरब 65 लाख रुपये ही मिले हैं। राशि के अभाव में नियोजित शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा सका है। आज राशि स्वीकृत होने के बाद जल्द ही नियोजित शिक्षकों के वेतन मद का पैसा जारी करने का रास्ता साफ हो गया है।

महानगर क्षेत्र प्राधिकार के लिए 76 पद सृजित

राज्य मंत्रिमंडल ने नवगठित पटना महानगर क्षेत्र प्राधिकार के कार्यालय के लिए विभिन्न श्रेणी के 76 पद सृजन की मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने बिहार शहरी आयोजना तथा विकास अधिनियम, 2012 के प्रावधानों के आलोक में पटना शहर को सुनियोजित और इसके समेकित विकास के लिए महानगर क्षेत्र प्राधिकार का गठन किया है।  इसके साथ ही विद्यालय परीक्षा समिति में बढ़ते कार्यों को देखते हुए 1.21 करोड़ रुपये की लागत पर विभिन्न श्रेणी के 16 पद सृजन और राज्य शिक्षा वित्त निगम लिमिटेड के राज्य स्तरीय कार्यालय के लिए पांच पद सृजन की मंजूरी भी दी गई है।

सचिवालय जीर्णोद्धार के लिए 123 करोड़

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि विकास भवन और विश्वेश्वरैया भवन सचिवालय में गार्ड रूम और पार्किंग बनाने के साथ दूसरे कई निर्माण होंगे। निर्माण का काम भवन निर्माण विभाग के मार्फत होगा। विकास भवन के जीर्णोद्धार के लिए मंत्रिमंडल ने 61.46 करोड़ और विश्वेश्वरैया भवन के लिए 61.62 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।

बापू टावर के लिए 84 करोड़ स्वीकृत

मंत्रिमंडल ने भवन निर्माण के एक अन्य प्रस्ताव पर विमर्श के बाद पांच एकड़ जमीन पर गर्दनीबाग में बनने वाले बापू टावर के लिए 84.49 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। प्रधान सचिव ने बताया कि बापू टावर छह मंजिला होगा और इसमें बापू से जुड़ी यादगार स्मृतियों के साथ ही कई अन्य चीजों का प्रदर्शन किया जाएगा। बापू टावर से पटना शहर का विहंगम नजारा भी लिया जा सकेगा। बापू टावर का निर्माण 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा दो अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निर्माण की आधारशिला रखेंगे।

डीएम करेंगे पंचायत प्रतिनिधि के मुआवजे का भुगतान

त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के मुआवजे का भुगतान अब जिलाधिकारी करेंगे। पहले पंचायती राज विभाग मुआवजे का भुगतान करता था। मुआवजा देने में होने वाले विलंब पर रोक लगाने के उद्देश्य से सरकार ने जिलाधिकारियों को यह शक्ति प्रदान कर दी है। मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधियों की यदि आपराधिक, प्राकृतिक आपदा या ङ्क्षहसात्मक घटना या दुर्घटना में मृत्यु होती है तो राज्य सरकार की ओर से संबंधित प्रतिनिधि के परिजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। अब तक की व्यवस्था के मुताबिक इस राशि की स्वीकृति जिलाधिकारी की अनुशंसा पर प्रधान सचिव पंचायती राज विभाग के स्तर पर होती है। सरकार ने माना है कि इस प्रक्रिया से मुआवजा देने में विलंब होता है। इसके बाद मुआवजा राशि स्वीकृति का अधिकार अब सीधे जिलाधिकारी को सौंप दिया गया है। उन्हें विभाग से अनुशंसा नहीं करनी होगी। डीएम अपने स्तर से ही मुआवजे का भुगतान कर सकेंगे। यदि मुखिया या अन्य पदधारक स्वयं अपराधी हैं और किसी आपराधिक वारदात या पुलिस एनकाउंटर में मारे जाते हैं तो उन्हें यह राशि देय नहीं होगी।

अन्य निर्णय

- सेवा से गायब शेखपुरा के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार को अनिवार्य सेवा निवृति की मंजूरी।

- बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी को सहायक अनुदान मद में 69.32 करोड़ रुपये की मंजूरी।

- बिहार लोक निर्माण विभाग संहिता की कंडिका 163 में संशोधन को मंजूरी।

- बिहार माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में संशोधन को मंत्रिमंडल की मंजूरी।

- प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व मंत्री सुखदेव प्रसाद वर्मा की पुण्य तिथि पांच फरवरी को राजकीय समारोह के रूप में मनाने का प्रस्ताव स्वीकृत।

- एक जनवरी 2016 के प्रभाव से स्वीकृत पुनरीक्षित वेतन संरचना अथवा बाद की तिथि में कार्यात्मक या अकार्यात्मक प्रोन्नति प्राप्त होने पर राज्य कर्मियों के वेतन निर्धारण के क्रम में विकल्प चयन के प्रस्ताव को मंजूरी।

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