बिहार के मंत्री अशोक चौधरी बोले-तर्कों के बटखरे से तौलिए नीतीश के पंद्रह साल, स्पष्ट हो जाएगी बात

मुख्यमंत्री के पंद्रह वर्षों के इस कार्यकाल को बेमिसाल क्यों कहा जा रहा इस पर जदयू के वरिष्ठ नेता और नीतीश मंत्रिमंडल में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तर्कों के बटखरे पर पंद्रह साल तौलिएगा तो खुद बात स्पष्ट हो जाएगी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 04:45 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 04:45 PM (IST)
बिहार के मंत्री अशोक चौधरी बोले-तर्कों के बटखरे से तौलिए नीतीश के पंद्रह साल, स्पष्ट हो जाएगी बात
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी। जागरण आर्काइव।

राज्य, ब्यूरो, पटना। नीतीश कुमार के चौथे कार्यकाल के एक वर्ष पूरे हो गए हैं। पंद्रह वर्षों से नीतीश पर बिहार की जिम्मेदारी है। डेढ़ दशक के कार्यकाल के लिए जदयू ने टैगलाइन दी है 'पंद्रह साल-बेमिसाल'। मुख्यमंत्री के पंद्रह वर्षों के इस कार्यकाल को बेमिसाल क्यों कहा जा रहा इस पर जदयू के वरिष्ठ नेता और नीतीश मंत्रिमंडल में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तर्कों के बटखरे पर पंद्रह साल तौलिएगा तो खुद बात स्पष्ट हो जाएगी। पंद्रह साल-बेमिसाल टैग लाइन पर उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत की। यहां पढ़ें मुख्य अंश-

पंद्रह साल-बेमिसाल का नारा क्यों?

-दरअसल नीतीश कुमार के शासनकाल में ऐसी-ऐसी उपलब्धियां हासिल हुई हैं जो माइल स्टोन के रूप में हैं। बिहार की विकास दर 2005 के पहले किस जगह पर थी और पिछले कुछ वर्षों से यहां हम कितने बेहतर हो गए। सामाजिक समरसता, आधारभूत संरचना के साथ-साथ सोशल सेक्टर और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में जो काम हुए हैं वह अविस्मरणीय हैं। महिलाओं के लिए काफी काम व योजनाएं चली हैं। इसलिए हम कह रहे हैं कि नीतीश कुमार के पंद्रह साल-बेमिसाल हैं।

आधारभूत संरचना का आशय केवल रोड सेक्टर से है क्या?

ऐसा नहीं है। रोड सेक्टर के साथ-साथ बड़ी संख्या में पुल, अस्पतालों के भवन, कई आइकानिक बिल्डिंग और ऊर्जा के क्षेत्र में जिस तरह से आधारभूत संरचना का विकास हुआ उसके बारे में सोचा ही नहीं जा सकता था। वर्ष 2005 से 2020 तक 6074 नए पुलों का निर्माण हुआ। गंगा नदी पर 1959 से 2005 तक मात्र चार पुल बने थे वहीं 2005 से अब तक 11 पुलों का निर्माण पूरा हो गया है। कई प्रक्रिया में है। इनके बन जाने के बाद पुलों की संख्या 15 हो जाएगी। कोसी पर 1962 से 2005 तक मात्र तीन पुल बने थे वहां 2005 से अब तक कोसी पर छह नए पुलों का निर्माण हो चुका है। सोन पर तो 1862 से 2005 तक मात्र दो पुल बने थे वहीं 2005 से अब तक तीन नए पुल इस पर बने हैं। गंडक पर 1817 से 2005 तक केवल तीन पुल बने थे वहीं 2005 से अब तक पांच नए पुलों को निर्माण हो चुका है। सड़कों का हाल यह है कि वर्ष 2005 में पथ निर्माण विभाग की सड़कों की कुल लंबाई 11069 किमी थी जो अब बढ़कर 17,504 किमी हो गयी है। 

अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए सरकार ने क्या किया?

-इस समाज के लोगों खासकर समाज के युवाओं के लिए काफी काम हुआ है। अब यह सोचिए कि वर्ष 2005-06 में इस सेक्टर के लिए बजट 40.48 करोड़ रुपए था जो 2020-21 में बढ़कर 1700.05 करोड़ हो गया। यानी 4000 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी। जर्जर छात्रावास के पुननिर्माण के लिए 104.69 करोड़ रुपए की स्वाकृति दी गई।  कई नए छात्रावासों का भी निर्माण हुआ है। वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जन-जनजाति आवासीय विद्यालय व छात्रावास के निर्माण व जीर्णोद्धार के लिए 309 करोड़ रुपए का बजटीय प्रविधान है। इस सेक्टर के लिए बजट में विगत पांच वर्षों में 705 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। 

शराबबंदी पर बड़ा शोर है?

मुख्यमंत्री ने पूरी समझ के साथ शराबबंदी को लागू किया है। विपक्ष के लोग भी सहमत थे। आज लालू प्रसाद कह रहे हैं कि पड़ोसी राज्य की सीमा के कारण बिहार में यह कानून सफल नहीं हो सकता। ऐसा कौन सा प्रदेश है जहां पड़ोसी राज्य की सीमा नहीं है। कांग्रेस के सदस्यता अभियान के फार्म में लिखा है कि शराब नहीं पीना है और पीने नहीं देना है पर पार्टी कह रही है कि तीन गुना दाम लेकर इसे शुरू कर दीजिए। यह क्या है?

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