BSEB, Bihar Board Result Topper: जमुई के सिमुलतला स्कूल ने इस साल भी दिए टॉपर्स, यूं ही नहीं कहा जाता टॉपर्स फैक्ट्री
BSEB Bihar Board Result Topper बिहार के जमुई के सिमुलतला के जंगलों व पहाड़ों के बीच एक स्कूल है जो टॉपर्स फैक्ट्री कहा जाता है। साल 2015 से इस स्कूल ने हर साल टॉपर दिए हैं। इस साल भी टॉप 10 की लिस्ट में यहां के 14 विद्यार्थी हैं।
पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्क। BSEB, Bihar Board Result Topper बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) सोमवार को 10वीं (मैट्रिक) की परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। जब भी बिहार बोर्ड के रिजल्ट की बात होती है, जमुई के सिमुलतला आवासीय विद्यालय (Simultala Residential School) का नाम जरूर सामने आता है। इस स्कूल के विद्यार्थियों ने साल 2015 से लगातार बिहार बोर्ड की परीक्षाओं के टॉप 10 में जगह बनाई है। ऐसे में आश्चर्य नहीं कि बिहार के इस स्कूल को टॉपर्स की फैक्ट्री (Topper's Factory) भी कहा जाता है। इस साल भी बिहार बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षा में टॉप 10 में सिमुलतला के 14 विद्यार्थी शामिल हैं। संयुक्त टॉपर बने तीन विद्यार्थियों में सिमुलतला की पूजा व शुभदर्शिनी भी शामिल हैं। सवाल यह है कि यहां कैसे मिलता है प्रवेश और कैसे गढ़े जाते हैं टॉपर्स?
स्कूल 2015 से लगतार दे रहा बिहार बोर्ड के टॉपर्स
सिमुलतला स्कूल को टॉपर्स की फैक्ट्री भी कहा जाता है। यह स्कूल साल 2015 से लगातार टॉपर्स दे रहा है। 2015 में तो यहां के 19 विद्यार्थी 96 फीसद अंक के साथ टॉप 10 की लिस्ट में शामिल रहे थे, जो किसी सकूल के लिए बिहार बोर्ड का अब तक का रिकार्ड है। 2018 व 2019 में बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा के टॉप-10 में स्कूल के 16-16 विद्यार्थी शामिल थे। साल 2018 में टॉप तीन स्थानों पर तो साल 2019 में पहले पांच स्थानों पर सिमुलतला स्कूल का कब्जा रहा था। साल 2020 में भी यहां के तीन विद्यार्थी टॉप 10 में जगह बनाने में सफल रहे थे।
सिमुलतला के टॉपर्स, एक नजर...
2020: पहली बार सिमुलतला पिछड़ा। हालांकि, पिछड़कर भी टॉप 10 में यहां के तीन छात्रों को जगह मिली। रंजन ने 474 अंकों के साथ सातवां, बमबम कुमार ने 473 अंकों के साथ आठवां तथा रोहित कुमार ने 471 अंकों के साथ 10वां स्थान प्राप्त किया। 2021: टॉप 10 में शामिल 101 विद्यार्थियों में स्कूल से 14 शामिल। तीन विद्यार्थी टॉपर बने, जिनमें यहां की पूजा कुमारी व सुभदर्शिनी शामिल हैं।
सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है स्कूल
प्राचार्य डॉ. राजीव रंजन बताते हैं कि साल 2000 में स्थापित यह स्कूल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। बिहार विभाजन के बाद नेतरहाट आवासीय विद्यालय (रांची) तथा इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय (हजारीबाग) झारखंड में चले गए। उसी समय से बिहार में वैसी उच्च गुणवत्ता वाले स्कूल की कमी खल रही थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर मिनी शिमला कहे जाने वाले जमुई के सिमुलतला में जंगलों व पहाड़ियों के बीच सिमुलतला आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया।
गुरुकुल पद्धति पर अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई
प्राचार्य के अनुसार इस स्कूल में वर्ग छह में कुल 60 सीटों पर एडमिशन होता है। इसके लिए एडमिशन टेस्ट बिहार बोर्ड ही लेता है। यहां गुरुकुल पद्धति पर आधारित सह शिक्षा (Co-Education) वाली पूर्णत: आवासीय पढ़ाई होती है। पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी है। पुस्तकें बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक्स और एनसीईआरटी की रहतीं हैं।
शिक्षक हर वक्त गाइड करने के लिए मौजूद
प्राचार्य बताते हैं कि बच्चे सुबह 4.30 बजे उठ कर व्यायाम व प्रार्थना आदि करते हैं। फिर, आठ बजे से दो बजे दिन तक पढ़ाई के बाद ब्रेक रहता है। शाम 6.30 से रात 9.30 बजे तक सेल्फ स्टडी कर रात 10 बजे बच्चे सोने चले जाते हैं। पढ़ाई के दौरान कभी भी कोई समस्या आए तो शिक्षक हर वक्त गाइड करने के लिए मौजूद रहते हैं। पढाई के साथ को-करिकुलर एक्टिविटीज पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है।
इस साल के मैट्रिक रिजल्ट में भी दिखा जलवा
सोमवार को बिहार बोर्ड के मैट्रिक के रिजल्ट में भी सिमुलतला का जलवा दिखा है। स्कूल के प्राचार्य के दावे के अनुसार, यहां के एक दर्जन से अधिक विद्यार्थी (कुल 14) टॉप 10 में जगह बनाने में सफल रहे हैं। मैट्रिक के तीन संयुक्त टॉपर में से दो पूजा व शुभदर्शिनी भी सिमुलतला स्कूल की हीं हैं।