बिहार: BJP MLC संजय पासवान ने विधान परिषद समिति से दिया इस्‍तीफा, CM नीतीश पर लगाते रहे हैं निशाना

बिहार में बीजेपी एमएलसी संजय पासवान ने विधान परिषद समति से इस्‍तीफा दे दिया है। उनकी नाराजगी कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह की कार्यशैली से है। संजय पासवान बीजेपी में रहते हुए एनडीए के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना लगाते रहे हैं।

By Amit AlokEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 01:51 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 01:57 PM (IST)
बिहार: BJP MLC संजय पासवान ने विधान परिषद समिति से दिया  इस्‍तीफा, CM नीतीश पर लगाते रहे हैं निशाना
बिहार के बीजेपी एमएलसी डॉ. संजय पासवान। फाइल तस्‍वीर

पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। बिहार की सियासत से जुड़ी यह बड़ी खबर है। भारतीय जनता पार्टी के विधान पार्षद संजय पासवान (BJP MLC Sanjay Paswan) ने विधान परिषद की समिति के सभापति (Chairman of Bihar Legislative Council Committee) के पद से इस्तीफा दे  दिया है। उन्‍होंने सभापति से फैसले को लेकर नाराजगी भी जाहिर की है। ये वही संजय पासवान हैं, जिन्‍होंने जनवरी 2020 में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का यह कहकर विरोध किया था कि जनता एक चेहरे से ऊब चुकी है, अब बीजेपी से नया मुख्‍यमंत्री बनाया जाना चाहिए। संजय पासवान बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban) व कानून-व्‍यवस्‍था (law and Order) को लेकर भी सरकार को नसीहत  देते रहे हैं। एक बार अपने गले में सांप लपेटकर सोशल मीडिया में चर्चा में रह चुके हैं।

परिषद की एससी-एसटी समिति के सभापति पद से इस्तीफा

बीजेपी के विधान परिषद सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय पासवान ने परिषद की अनुसूचित जाति-जनजाति समिति (SC-ST Committee) के सभापति पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह को सौंपा। कार्यकारी सभापति भी बीजेपी के ही हैं। पांच दिन पहले डॉ. पासवान को इस समिति का सभापति बनाया गया था। गुरुवार को नवगठित समितियों की पहली बैठक बुलाई गई थी। बैठक में शामिल होने के तुरंत बाद वे नाराज होकर निकल गए। निकलने के समय ही उन्होंने सभापति पद से इस्तीफे की घोषणा की थी। शुक्रवार को उन्होंने विधिवत इस्तीफा दे दिया।

जाति के कारण चयन सहित कई मुददों पर जतायी नाराजगी

डाॅ. पासवान ने दैनिक जागरण को बताया कि उनका एतराज कई मुददों पर है। उन्होंने 10 साल पहले घोषणा की थी कि वे विधानसभा या लोकसभा का चुनाव अनुसूचित जातियों के लिए सुरक्षित सीट से नहीं लड़ेंगे। बीच में कई चुनाव हुए। वे अपनी घोषणा पर कायम रहे। इसी तर्क के आधार पर उन्होंने परिषद की अनुसूचित जाति, जनजाति समिति के सभापति पद से इस्तीफा दिया। क्योंकि, उन्हें अनुसूचित जाति का होने के कारण यह पद दिया गया था। उन्होंने कहा कि जाति और लिंग के आधार पर समितियों का सभापति बनाना गलत है। हम कहते हैं कि अगर कोई पुरुष सदस्य सक्षम है तो उसे महिलाओं से संबंधित समितियों का सभापति बना देना चाहिए।

कार्यकारी सभापति की कार्यशैली पर भी है सख्त ऐतराज

हालांकि, डॉ. पासवान ने कहा कि सभापति पद से उनके इस्तीफे की इकलौती वजह यह नहीं है। उन्हें कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह की कार्यशैली पर सख्त ऐतराज है। उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया था। शपथ ग्रहण के लिए नाम भेजने से पहले उनकी राय ली गई थी। बड़े नेताओं ने राय ली थी। लेकिन कार्यकारी सभापति ने बिना हमारी राय लिए पद दे दिया। यह तरीका आपत्तिजनक है। बीजेपी नेता ने कहा कि विधान परिषद में कम संख्या वाले दलों के नेताओं को महत्वपूर्ण समितियों का सभापति बनाया गया। इस लिहाज से उन्हें जिस समिति का सभापति बनाया गया, उसकी खास पहचान नहीं है। तमाम बातों के अलावा उन्हें इस बात का भी मलाल है कि उनके कद का सम्मान नहीं किया गया।

क्‍या पार्टी में नाराज चल रहे हैं संजय पासवान?

कार्यकारी सभापति की माने तो समितियों के लिए नाम पार्टियों द्वारा तय करने की परंपरा रही है। ऐसे में सवाल यह उठा है कि क्‍या वे पार्टी में नाराज चल रहे है? हालांकि, इस बाबत उन्‍होंने कुछ भी नहीं कहा है।

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार पर करते रहे हैं हमला

संजय पासवान केंद्र सरकार में मंत्री (Minister in Central Government) रह चुके हैं। वे बीजेपी में वे बड़ा चेहरा माने जाते हैं। बीजेपी में रहते हुए राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर भी वे हमलावर होते रहे हैं। बीते फरवरी में उन्‍होंने शराबबंदी के साथ-साथ कानून-व्‍यवस्‍था की सिथति लेकर गृह सचिव आमिर सुभानी को इस्‍तीफा देने के लिए कह डाला था। उन्‍होंने कहा था कि बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा कर इसपर सरकार को फिर से सोचना चाहिए। संजय पासवान का उक्‍त बयान मुख्‍समंत्री नीतीश कुमार पर हमला माना गया था, क्‍योंकि शराबंदी उनकी ड्रीम प्रोजेक्‍ट है और कानून-व्‍यवस्‍था के लिए जिम्‍मेदार राज्‍य का गृह विभाग भी उन्‍होंने अपने पास ही रखा है।

कहा था: अब बिहार को चाहिए नया सीएम

संजय पासवान ने मुख्‍यंमत्री नीतीश कुमार का पहले भी विरोध किया था। बीते साल जनवरी 2020 में उन्‍होंने बीजेपी के मुख्यमंत्री CM from BJP) की मांग करते हुए कहा था कि एक ही चेहरे से ऊब चुकी है। तब उन्‍होंने तत्‍कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Modi) या केंन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) को मुख्यमंत्री बनाने पर बल दिया था। हालांकि, यह भी कहा था कि  इसपर अंतिम फैसला तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को करना है।

गले में सांप लपेट कर भी रहे चर्चा के केंद्र

संजय पासवान अपनी अजब-गजब हरकतों से भी चर्चा में रहे हैं। एक बार उन्‍होंने गले में सांप लपेट कर फेसबुक पर तस्‍वीर पोस्‍ट कर दी थी। तस्‍वीर में उनके गले में सांप लटका था तथा कुछ  इस तरह आंखें बंद थीं मानो वे भक्ति में लीन हों।

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