बिहार सदन का दिलचस्प प्रसंगः आप भी चौधरी, हम भी चौधरी, बोले विजय चौधरी; फिर आया 'स' का संयोग
बिहार विधानसभा में शुक्रवार को दिलचस्प प्रसंग हुआ। आप भी चौधरी हम भी चौधरी का दौर चला। शुरुआत मानव संसाधन विकास मंत्री विजय कुमार चौधरी ने की। वे राजद के अवध बिहारी चौधरी के एक गैर-सरकारी संकल्प पर सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे। जानें फिर क्या हुआ।
राज्य ब्यूरो, पटना : विधानसभा में शुक्रवार को आप भी चौधरी, हम भी चौधरी का दौर चला। शुरुआत मानव संसाधन विकास मंत्री विजय कुमार चौधरी ने की। वे राजद के अवध बिहारी चौधरी के एक गैर-सरकारी संकल्प पर सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे। यह पाठ्य-पुस्तकों में महापुरुषों की जीवनी को शामिल करने से जुड़ा था।
मंत्री ने अवध बिहारी चौधरी से कहा कि आप भी चौधरी तो हम भी चौधरी। अवध बिहारी ने उसी अंदाज में जवाब दिया कि हम सीमा (बार्डर) के चौधरी हैं। आप समस्तीपुर के चौधरी हैं। विजय चौधरी ने कहा कि यह भी संयोग है। हम दोनों स वाले हैं। हम समस्तीपुर के हैं। आप सिवान के हैं।
वापस और आपस पर भी सदन में खूब हंसी-ठिठोली
वापस और आपस पर भी सदन में खूब हंसी-ठिठोली हुई। राजद के भाई वीरेंद्र ने गैर-सरकारी संकल्प पेश किया था। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा आग्रह कह रहे थे कि सदन की सहमति से वे अपना संकल्प वापस ले लें। भाई वीरेंद्र ने सुना कि अध्यक्ष वापस को आपस बोल रहे हैं। उन्होंने कहा-हम अपना संकल्प आपस नहीं लेंगे। वापस ले लेंगे। फिर तो सदन में कई बार वापस और आपस का जिक्र हुआ।
हम सब पर जनता की पैनी नजर, निष्ठा से करें काम: सिन्हा
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य की जनता विधायकों के कामकाज पर पैनी नजर रखती है। सूक्ष्म विश्लेषण और मूल्यांकन करती है। इसलिए हमें निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा, ताकि जनता की आकांक्षाओं पर खरे उतर सकें। वे शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र की समाप्ति पर विधायकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में हैं। जनता के बहुमूल्य आशीष से इस मंदिर का सेवक बनने का मौका मिलता है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में सार्वजनिक बहस और सार्थक विमर्श से ही जनता का भला होता है। उन्होंने मानसून सत्र के शांतिपूर्ण संचालन के लिए विधायकों को धन्यवाद दिया। सिन्हा ने कहा कि सदन के संचालन में सबका सहयोग मिला। सत्र में कुल 822 प्रश्न आए थे। 18 अल्पसूचित प्रश्न थे। 16 के जवाब आए। 608 तारांकित प्रश्नों में 566 के जवाब आए। सत्र के आखिरी दिन तो कई विभागों ने शत प्रतिशत जवाब देकर रिकार्ड बनाया। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि अगले सत्र में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष सक्रिय सहयोग का प्रदर्शन करेंगे। राज्य के विकास को तीव्र गति देने में विधायकों की बड़ी भूमिका है।