Bihar Assembly Eletion: कोरोना काल में राजनीतिक दलों ने बदले सुर, चुनाव टालना नहीं परंपरागत मतदान चाहता विपक्ष

Bihar Assembly Eletion कोरोना संक्रमण के काल में चुनाव को ले विपक्ष के राजनीतिक दलों ने अपने स्‍टैंड बदले हैं। अब वे परंपरागत तरीके से मतदान चाहते हैं।

By Amit AlokEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 10:44 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 11:37 PM (IST)
Bihar Assembly Eletion: कोरोना काल में राजनीतिक दलों ने बदले सुर, चुनाव टालना नहीं परंपरागत मतदान चाहता विपक्ष
Bihar Assembly Eletion: कोरोना काल में राजनीतिक दलों ने बदले सुर, चुनाव टालना नहीं परंपरागत मतदान चाहता विपक्ष

पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। विधानसभा चुनाव कराने को लेकर जदयू-भाजपा के दबाव के आगे अब विपक्ष ने भी अपने बोल बदल लिए हैं। जो दल अभी तक चुनाव रोकने के पक्ष में थे, वे भी अब चुनाव को जरूरी बताने लगे हैं। विरोध सिर्फ तरीके से है। कांग्रेस ने पिछले हफ्ते ही साफ कर दिया था कि उसे चुनाव से परहेज नहीं है। अब महागठबंधन के अन्य घटक दल भी चुनाव के पक्ष में खड़े दिख रहे हैं। वामदलों के साथ राजद ने भी रुख में बदलाव किया है। पूरा विपक्ष अब एक स्वर से परंपरागत तरीके से मतदान की बात करने लगा है।

चुनाव रोकने से ज्यादा उसके तरीके को लेकर उठ रही आवाज

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का स्वर भी चुनाव रोकने से ज्यादा उसके तरीके को लेकर बुलंद होने लगा है। जब उन्होंने देखा कि चुनाव आयोग अपनी तैयारियों में जुटा है और राज्य सरकार भी तेजी में है तो उन्होंने अपने स्टैंड में परिवर्तन किया। अब वे परंपरागत तरीके से मतदान की मांग करने लगे हैं। कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को भी चुनाव से परहेज नहीं है। उन्होंने भी स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव कराना जितना जरूरी है, उतनी ही जरूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता भी होनी चाहिए।

विपक्ष को चाहिए पारदर्शिता, निष्पक्षता व विश्वसनीयता की गारंटी

अब विपक्ष को चुनाव आयोग से सिर्फ यह गारंटी चाहिए कि चुनाव के दौरान पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता बनी रहेगी। साथ ही कोरोना संकट में मतदान प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसा न हो कि प्रचार से लेकर मतदान तक संक्रमण का विस्तार होता जाए।

शारीरिक दूरी व सुरक्षा के साथ हुए तय हो रैलियों का स्वरूप

रालोसपा प्रवक्ता राजेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव की नहीं, बल्कि वर्चुअल प्रचार की विरोधी है। सबको एक तरह से प्रचार का मौका मिलना चाहिए। आयोग को शारीरिक दूरी (फिजिकल डिस्टेंसिंग) और सुरक्षा की व्यवस्था करते हुए पारदर्शी प्रचार के बारे में सोचना चाहिए। रैलियों का स्वरूप भी तय हो। लोग मास्क लगाकर आएं। दूसरे से दूरी रखें। ङ्क्षहदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) भी चाहता है कि चुनाव हो, लेकिन तरीका लोकतांत्रिक हो। हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि मतदान की पुरानी व्यवस्था ज्यादा अच्छी है। हमारी पार्टी वर्चुअल रैली के खिलाफ है।

कांग्रेस को बैलेट पेपर पहुंचाकर निष्पक्ष मतदान का भरोसा नहीं

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि निष्पक्ष मतदान के लिए कांग्रेस पूरी तरह तैयार है। चुनाव कराना, न कराना आयोग की जिम्मेदारी है। सत्ता में बैठे लोग फर्जी तरीके से वोटों में गोलमाल करना चाहते हैं। 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 62 लाख है। बिहार में अभी जो विधि-व्यवस्था है, उसमें उनके घर तक बैलेट पेपर पहुंचाकर निष्पक्ष मतदान की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।

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