Bihar Assembly Elections 2020: बिहार में चुनाव को लेकर असमंजस में आयोग, द्वंद्व में दिख रहे दल

बिहार में महासमर में प्रस्थान करने का मुहूर्त बेहद करीब है किंतु हालात अभी भी साफ नहीं है। चुनाव होने या नहीं होने को लेकर असमंजस बरकरार है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 07:51 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 04:21 PM (IST)
Bihar Assembly Elections 2020: बिहार में चुनाव को लेकर असमंजस में आयोग, द्वंद्व में दिख रहे दल
Bihar Assembly Elections 2020: बिहार में चुनाव को लेकर असमंजस में आयोग, द्वंद्व में दिख रहे दल

अरविंद शर्मा, पटना। विधानसभा चुनाव का इंतजार अब महीनों में नहीं, बल्कि दिनों में रह गया है। पिछली बार निर्वाचन आयोग ने नौ सितंबर को अधिसूचना जारी कर दी थी। 2010 में भी छह सितंबर को चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया था। इस लिहाज से महासमर में प्रस्थान करने का मुहूर्त बेहद करीब है, किंतु हालात अभी भी साफ नहीं है। चुनाव होने या नहीं होने को लेकर असमंजस बरकरार है। आयोग अपने स्तर से तैयारियों में लगा दिख रहा है। राजनीतिक दलों की धड़कनें तेज तो हैं, लेकिन उन्हें भी समझ में नहीं आ रहा कि इस हाल में चुनाव होगा तो कैसे होगा?

जाहिर है, बिहार में सक्रिय विभिन्न सियासी दलों की धड़कनें बढ़ चुकी हैं। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म होने वाला है। कोरोना के चलते सुरक्षित मतदान कराने की आयोग के सामने बड़ी चुनौती है। तैयारी तेज है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि अभी तक पूरी नहीं हुई है। न आयोग की और न ही राजनीतिक दलों की। 

दोनों गठबंधनों में भी सुस्ती 

चुनाव के लिहाज से दोनों गठबंधनों की भी तैयारी अभी तक नहीं दिखी है। सीट बंटवारे को लेकर दोनों तरफ में से किसी में भी बेताबी नहीं है। लोकसभा चुनाव में प्रथम चरण के मतदान से छह महीने पहले अक्टूबर में ही भाजपा, जदयू और लोजपा ने सीट बंटवारे का फार्मूला तय कर लिया था। मामला उपेंद्र कुशवाहा को लेकर फंस रहा था, जिनके महागठबंधन के साथ जाते ही भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 22 दिसंबर को ऐलान भी कर दिया था कि किसके हिस्से में कौन-कौन सी सीटें रहेंगी। हालांकि महागठबंधन के घटक दलों में चुनाव के करीब तक खींचतान होती रही थी। पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार, लालू प्रसाद और कांग्रेस के तत्कालीन बिहार प्रभारी सीपी जोशी ने संयुक्त रूप से 12 अगस्त को ही सीटों का बंटवारा कर लिया था और ऐलान भी कर दिया था। इस बार अभी तक सुगबुगाहट भी नहीं दिख रही है। राजद नेतृत्व वाला महागठबंधन में तो यह भी तय नहीं है कि दल कौन-कौन से रहेंगे। 

आयोग पर काम का अभी बोझ

निर्वाचन आयोग की तैयारियों में असमंजस साफ-साफ नजर आ रहा है। कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच चुनाव आयोग ने करीब तीन सप्ताह पहले 18 जुलाई को चुनाव प्रक्रिया, प्रचार के तरीके एवं सुरक्षित मतदान के उपायों के बारे में निबंधित दलों से 31 जुलाई तक सुझाव मांगे थे। कई दलों ने समय से पहले सुझाव दे भी दिए, किंतु उन्हीं सारे सवालों के साथ आयोग ने दो अगस्त को सभी दलों के प्रमुखों को दोबारा पत्र लिखा और फिर सलाह मांगी। पत्र नया था, सवाल पुराने। अबकी जवाब देने के लिए 11 अगस्त तक की मोहलत दी गई है। अब जवाब का इंतजार है। आयोग को राजनीतिक दलों से पत्राचार के अलावा भी कई काम करने अभी बाकी हैं। वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम किया जा रहा है। उसके बाद मतदाता सूची का प्रकाशन करना है और सुरक्षित मतदान के लिए करीब 34 हजार नए बूथ भी बनाने हैं। इन सबके लिए आयोग के पास अब बहुत कम समय है। 

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