Bihar Assembly Election: दोनों गठबंधनों में लगी है बराबर की आग, महागठबंधन में थे कुशवाहा तो NDA में हैं चिराग

Bihar Assembly Election 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के पहले महागठबंधन हो या एनडीए दोनों में ऑल इज वेल नहीं है। आरएलएसपी अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को महागठबंधन छोड़ने की घोषणा कर दी। उधर सत्‍ताधारी एनडीए में एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान की नाराजगी जग-जाहिर है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 11:24 AM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 09:28 PM (IST)
Bihar Assembly Election: दोनों गठबंधनों में लगी है बराबर की आग, महागठबंधन में थे कुशवाहा तो NDA में हैं चिराग
एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान तथा आरएलएसपी अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की फाइल तस्‍वीरें।

पटना, जेएनएन। Bihar Assembly Election 2020: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले सत्‍ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) तथा विपक्षी महागठबंधन (Grand Alliance) दोनों में बराबर आग लगी हुई है। सीट शेयरिंग (Seat Sharing) के मुद्दे पर नाराज चल रहे महागठबंधन (Mahagathbandhan) में राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने गुरुवार को बड़ा फैसला लेते हुए महागठबंधन छोड़ने की घोषणा कर दी। उधर, एनडीए में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) सुप्रीमो चिराग पासवान (Chirag Paswan) भी सम्‍मानजनक सीटों के कम पर झुकने को तैयार नहीं हैं। चिराग ने पहले से सम्‍मानजनक सीटें नहीं मिलने पर बिहार में 143 सीटों पर लड़ने का ऐलान कर रखा है। बताया जाता है कि इस मामले में चिराग को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जितनी सीटें ऑफर की हैं, उतने से वे संतुष्‍ट नहीं हैं।

बड़ा बनता जा रहा सीटों का मसला, बड़े उलटफेर की संभवना

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले एनडीए व महागठबंधन दोनों के लिए सीटों का मसला बड़ा बनता जा रहा है। ऐसे में दोनों गठबंधनों में किसी बड़े उलटफेर की संभवना बनती दिख रही है। महागठबंधन छोड़ने की घोषणा कर चुके उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए के नेता वेलकम कर रहे हैं तो एनडीए में नाराज चिराग के लिए भी महागठबंधन के दरवाजे खुल सकते हैं। हालांकि, दोनों नेताओं ने इसकी पुष्टि नहीं की है। वैसे, चिराग पासवान ने यह जरूर कहा है कि एनडीए में जनता दल यूनाइटेड (JDU) नहीं, बीजेपी के कारण हैं, इसलिए एनडीए में रहते हुए बिहार में जेडीयू के खिलाफ 143 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं।

सीटों को ले नतीजे पर पहुंचती नहीं दिख रही बीजेपी से वार्ता

बताया जा रहा है कि सीटों के मसले पर चिराग पासवान की बीजेपी के साथ बातचीत भी ठोस नतीजे पर पहुंचती नहीं दिख रही है। बताया जा रहा है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव में एलजेपी को 25 से अधिक सीट नहीं दे पा रही है। बताया जाता है कि बातचीत का दौर जारी है और बीजेपी ने कुछ लचीला रूख अपनाते हुए एलजेपी को विधान परिषद की दो सीटें भी ऑफर की है। दूसरी तरफ चिराग पासवान अधिक सीटें चाहते हैं। पसंद की सीटों को लेकर भी पेंच फंसता दिख रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि क्‍या चिराग अपनी  घोषणा के मुताबिक जेडीयू कि खिलाफ 143 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे? अगर ऐसा होता है तो जेडीयू एवं बीजेपी के उनके लिए रूख क्‍या होंगे?

नीतीश पर हमलावर रहे चिराग, जेडीयू भी देता रहा जवाब

चिराग पासवान जनसमस्‍याओं काे मुख्‍यमंत्री तक पहुंचाने का तर्क देते हुए नीतीश कुमार के शासन की आलोचना करते आ रहे हैं। एलजेपी संससदीय बोर्ड की बैठक में लिए गए फैसलों का हवाला देकर वे बिहार में बीजेपी को जेडीयू से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने को कह चुके हैं। साथ ही नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में चुनाव में जाने के नुकसान को भी बता चुके हैं। चिराग के इस रूख के कारण जेडीयू भी उनपर हमलावर रहा है।

बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं एलजेपी सुप्रीमो

बीते दिन ही जेडीयू नेता ने उन्‍हें इस्‍तीफा देकर बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने की चुनौती दी, जिसे स्‍वीकार करने में एलजेपी ने देर नहीं की। ऐसे में नए सिरे से चर्चाओं का माहौल गर्म हो गया है। अब नई चर्चा यह है कि चिराग जमुई (जहां से वे सांसद हैं) या सीतामढ़ी से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

एलजेपी के एनडीए से बाहर जाने को लेकर लग रहे कयास

एनडीए के दो घटक दलों जेडीयू व एलजेपी के बीच का यह झगड़ा चुनाव में नुकसानदेह साबित हो सकता है। बीजेपी इससे अवगत है। ऐसे में अगर चिराग पासवान कोई बड़ा फैसला नहीं करते हैं तो बीजेपी के स्‍तर से भी कोई फैसला किया जा सकता है। वैसे, एलजेपी में इसपर अंतिम फैसला चिराग पासवान को करना है। चर्चाओं के मुताबिक, एलजेपी अब एनडीए से बाहर जा सकती है। हालांकि, इसकी पुष्टि फैसले तक कोई नहीं करेगा, यह भी तय है।

विपक्षी महागठबंधन को भी उपेंद्र कुशवाहा का झटका

उधर, विपक्षी महागठबंधन को आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा झटका लगा है। आरएलएसपी ने महागठबंधन से अलग होने की घोषणा कर दी है। वहां भी मुख्‍य मुद्दा सीट शेयरिंग का ही था। महागठबंधन में आरएलएसपी को सीटों के मुद्दे पर राष्‍ट्रीय जनता दल व कांग्रेस स्‍पष्‍ट आश्‍वासन नहीं दे रहे थे। आरएलएसपी सम्‍मानजनक सीटों से कोई समझौता करना नहीं चाहती थी।

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