Bihar Assembly Election: NDA में विवाद नहीं चाहता JDU, अब हर मुद्दे पर BJP के साथ

Bihar Assembly Election एनडीए में कुछ मुद्दों पर जेडीयू की राय अलग रही है लेकिन पार्टी ने सीएबी व एनआरसी पर अपना स्‍टैंड बदल दिया है। पढ़ें इसके कारणों की पड़ताल करती खबर।

By Amit AlokEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 08:14 AM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 10:39 PM (IST)
Bihar Assembly Election: NDA में विवाद नहीं चाहता JDU, अब हर मुद्दे पर BJP के साथ
Bihar Assembly Election: NDA में विवाद नहीं चाहता JDU, अब हर मुद्दे पर BJP के साथ

पटना [स्‍टेट ब्‍यूरो]। तमाम राजनीतिक कयासों के बीच संसद में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) को जनता दल यूनाइटेड (JDU) से मिले समर्थन के बाद यह साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) को केंद्र में रखकर वह किसी भी तरह की मतभिन्नता से अपने को दूर रखना चाहता है। बिहार में राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को एकजुट रखने में उसकी भूमिका पर कोई सवाल नहीं करे, इसका पूरा ध्यान रखकर वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ चल रहा है। जेडीयू की ओर से इस मामले में यह एहतियात भी बरती जा रही है कि जिन विवादित मसलों पर उसकी राय अलग थी, उनपर समर्थन के नए स्टैैंड का स्पष्टीकरण भी मौके पर ही दे दिया जाए।

सीएबी व एनआरसी पर पहले थी अलग राय

नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) के साथ-साथ राष्‍ट्रीय नागरिक रजिस्‍टर (NRC) पर पूर्व में जेडीयू की अलग राय थी। उच्च स्तर पर यह कहा गया था कि असम में इस मसले पर जो विरोध है, उसे भी ध्यान में रखा जाए। जेडीयू नेता इस सिलसिले में असम भी गए थे। तब असम से एक शिष्टमंडल पटना भी आया था। इसलिए अंदेशा था कि नागरिकता संशोधन बिल पर जेडीयू की राय कुछ अलग हो सकती है।

जेडीयू ने संसद में किया बिल का समर्थन

पर जब संसद (Parliament) में केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की तरफ से गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बिल पेश किया और बहस के दौरान जेडीयू को अपना पक्ष रखने का समय मिला तो सदन में पार्टी के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह  (Lalan Singh) ने साफ-साफ कहा कि उत्तर-पूर्व राज्यों के मामले में पूर्व में उनके दल द्वारा जो सवाल उठाए गए थे, उन्हें सुलझा लिया गया है।

धर्मनिरपेक्षता पर पहली बार कही ये बात

जेडीयू ने सीधे-सीधे इस बिल का समर्थन किया। साथ ही जेडीयू की ओर से पहली बार धर्मनिरपेक्षता के प्रश्न पर यह कहा गया कि कुछ लोग अपने मतलब के हिसाब से धर्मनिरपेक्षता का अर्थ समझा देते हैैं। नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) किसी खास के लिए नहीं है। राज्यसभा में भी जेडयू का यही स्टैैंड है।

बदले स्‍टैंड के खिलाफ उठे विरोध के सुर

जेडीयू का यह स्टैैंड जैसे ही सार्वजनिक हुआ, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने इसका विरोध कर दिया। पार्टी के नेता व पूर्व राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा (Pawan Verma) ने भी आपत्ति कर दी। पूर्व में विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी (Gulam Rasool Baliawi) भी विरोध में बोल चुके थे।

विरोध करने वालों पर हो सकती कार्रवाई

प्रशांत किशोर और पवन वर्मा का वक्तव्य कोई गलतफहमी पैदा नहीं करे, इसका भी पार्टी ने ध्‍यान रखा। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने तुरंत कहा कि प्रशांत किशोर का वक्तव्य निजी है। पार्टी की जो नीति थी, उसे संसद में रखा जा चुका है। पवन वर्मा ने इस मसले पर बयान देने के पहले उच्च स्तर पर अपनी बात रखी थी। तब तक पार्टी की ओर से संसद में अपना स्टैैंड रखा जा चुका था। सूत्रों के अनुसार पार्टी के स्टैैंड के खिलाफ निरंतर सक्रिय लोगों पर कार्रवाई संभव है।

chat bot
आपका साथी